रवींद्र जडेजा की पत्नी (BJP नेता) ने लड़कों-मर्दों को झाड़ू-कचरा से जोड़ा, बहुतों को लग गई मिर्ची

रवींद्र जडेजा की पत्नी (फाइल फोटो)

भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी हैं रीवाबा जडेजा। एक गाँव में वो महिलाओं को लड़कियों के विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं के बारे में समझा रही थीं। इसी दौरान उन्होंने एक ऐसा बयान दिया, जो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है।

रीवाबा को ग्रामीणों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि लड़का हो या लड़की, स्त्री हो या पुरुष… घरेलू कामों में सबको हाथ बँटाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने अपने क्रिकेटर पति का उदाहरण दिया।

रीवाबा जडेजा ने सबको बताया कि जब रवींद्र जडेजा को कोई काम करने की जरूरत नहीं भी होती है, तो भी वो मदद करने के लिए रसोई में आते हैं और चाय बनाते हैं।

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रीवाबा की यह वीडियो वायरल हो गई है। कई लोग इसे अच्छा बता रहे हैं, तो कई इसके खिलाफ हैं। इस वीडियो में वो कहती हैं कि घर में झाड़ू लगाने से दरबारियों (उनका मतलब राजपूत से था, जो उनकी जाति है) की इज्जत में कोई कमी नहीं आएगी।

रीवाबा जडेजा ने आगे जोर देकर कहा कि हम अपनी बेटियों को समाज में अच्छे से रहना सिखाते हैं, उन्हें शिक्षित करते हैं और उन्हें अपनी संस्कृति के बारे में सिखाते हैं। लेकिन इससे विपरीत हम शायद ही कभी अपने लड़कों से इन्हीं सब बातों को लेकर बातचीत भी करते हैं।

रीवाबा के इस वीडियो के वायरल होने पर समर्थन और असहमति दोनों पक्षों में सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है। अपने आप को स्पष्ट करने के लिए, उन्होंने गुजराती समाचार चैनल वीटीवी को एक साक्षात्कार भी दिया, जहाँ उन्होंने फिर से अपने दृष्टिकोण और मैसेज के बारे में खुल कर बात रखी।

उन्होंने सवाल किया कि समाज में ‘कन्या केलव्नी’ (kanya kelavni, लड़कियों को कौशल-विकसित बनाने की शिक्षा) के बारे में बात की जाती है। लेकिन क्यों ‘कुंवर केलव्नी’ (kunwar kelavni, लड़कों को कुशल-विकसित बनाने की शिक्षा) के बारे में बात नहीं की जाती? एक उदाहरण देते हुए उन्होंने पूछा, “जब एक परिवार में एक लड़का और एक लड़की होती है, तो वे लड़की को प्लेट सिंक में डालने के लिए कहेंगे। लोग अपने बेटों को सिंक में प्लेट रखने के लिए नहीं कहते हैं। जबकि अपना काम करने से कोई छोटा या बड़ा कैसे हो सकता है?”

रीवाबा जडेजा की जो वीडियो क्लिप वायरल हुई है, वह सिर्फ 30 सेकंड की है, जबकि ग्रामीणों के साथ उनकी बातचीत लगभग 2.5 घंटे हुई थी। रीवाबा ने बाद में स्पष्ट किया कि उनका मैसेज किसी विशेष जाति, समुदाय या लिंग के लिए नहीं था। बल्कि उनके कहने का मकसद यह था कि आम कामों के लिए किसी दूसरे के ऊपर निर्भर रहने के बजाय सभी (लड़का हो या लड़की) को सीखने चाहिए।

आपको बता दें कि रीवाबा जडेजा 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हुई थीं। पार्टी में उनके शामिल होने के समय गुजरात के कृषि मंत्री आरसी फलदू और सांसद पूनम महाजन मौजूद थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया