‘राम दरबार की मूर्तियों पर फेंकी दारू और हड्डियाँ, नंगी तलवारों के सामने पुलिस भी थी लाचार’: जहाँगीरपुर दंगा में घायल हिन्दू ने बताया

जहाँगीरपुर दंगा पीड़ित ने बताया उस रात क्या हुआ था

दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर हिंदुओं द्वारा निकाली गई शोभा यात्रा में इस्लामी कट्टरपंथियों ने जमकर हिंसा की। इसके एक पीड़ित राकेश बेनीवाल से ऑपइंडिया ने बात की। उन्होंने बताया कि कम से कम 500 दंगाइयों की भीड़ ने हाथों में नंगी तलवारें लेकर शोभा यात्रा पर हमला कर दिया। वो ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगा रहे थे।

पीड़ित राकेश बेनीवाल ने बताया, “हमने पुलिस को बताया था कि ये संवेदनशील इलाका है और पुलिस ने यहाँ पर काफी फोर्स भी लगाई थी। लेकिन, दंगाई इतने अधिक थे कि पुलिस भी उनके सामने लाचार हो गई। दंगाई वहाँ गली-मोहल्ले और मस्जिद की छतों पर भरे हुए थे। उनके पास में खाली बोतलें, भरी बोतलें और पत्थर थे। शाम के करीब 6 बजे थे। शोभा यात्रा मस्जिद के सामने से निकल रही थी। श्रीराम के जयकारे लगाए जा रहे थे। अचानक से भगदड़ मची और फिर पत्थरबाजी होने लगी। ईदगाह की तरफ से दंगाई आए, जो अल्लाहु अकबर के नारे लगा रहे थे। रैली में शामिल साधु-संत, बच्चों पर पथराव किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद से प्रशासन मुस्तैद है और हम लोग केवल पुलिस के कारण बचे हैं।”

उन्होंने ये भी बताया कि दंगाइयों ने कई राउंड फायर किए, वहाँ तैनात पुलिसवालों को भी गोली और चाकू लगा है। बेनीवाल के मुताबिक, ये पहले से रची गई साजिश है। क्योंकि पहले भी हमारी शोभा यात्रा होती थी और वो लोग कहते थे कि साउंड कम कर लो और हम धीमा करके निकल जाते थे। मस्जिद की छतों और उससे लगे घरों पर काफी लोग जमा थे। वहाँ पुरुषों के साथ ही औरतों और बच्चों सभी के हाथ में पत्थर थे। कम से कम 400-500 लोगों के हाथों में तलवारें थीं। ऐसा लग रहा था कि उसे नुकीला बनाकर लाया गया हो।

राकेश बेनीवाल ने बताया कि लोगों का कहना था कि इसमें अंसार का हाथ है। उन्होंने कहा, “मुझ पर पीछे से चाकू से हमला हुआ। राम दरबार पर भरी हुई दारू की बोतलें और हड्डियाँ फेंकी। वो करीब 40 फुट के ऊपर से पथराव कर रहे थे।”

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।