आरक्षण मामले को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फ़ैसला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कहा है कि अभी फ़िलहाल के लिए ग़रीब तबके को मिलने वाले 10 फ़ीसदी आरक्षण पर कोई रोक नहीं होगी।
आर्थिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण पर रोक लगाने के लिए साफ़ मना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले 124वें संविधान संशोधन पर विचार करेगा। कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार हफ़्ते के भीतर जवाब माँगा है।
https://twitter.com/ANI/status/1088672363116417026?ref_src=twsrc%5Etfwइस मामले पर चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई और संजीव खन्ना की पीठ ने सुनवाई की है। बता दें कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को मिलने वाले 10 फ़ीसद आरक्षण के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने फ़िलहाल अपना फै़सला सुनाया है।
इससे पहले कल (जनवरी 24, 2019) गुजरात सरकार ने प्रदेश में रहने वाले आर्थिक रुप से कमज़ोर सवर्णों के लिए बड़ी घोषणा की है। सरकार ने कहा कि समान्य वर्ग के आर्थिक रुप से कमज़ोर लोगों को दिए जाने वाले 10% आरक्षण के लिए केवल ₹8 लाख सलाना आय ही सीमा होगी। सरकार ने कहा कि इसके अलावा घर व ज़मीन को आरक्षण के शर्तों के रूप में नहीं देखा जाएगा। सरकार के इस फ़ैसले के बाद समान्य वर्ग के आर्थिक रुप से कमज़ोर लोगों के लिए पहली बार किसी राज्य की सरकार ने इस तरह की बड़ी घोषणा की है।
अहमदाबाद में होने वाली कैबिनेट की मीटिंग के बाद राज्य सरकार ने बुधवार को यह फ़ैसला लिया। दरअसल केंद्र सरकार द्वारा सांसद में पारित बिल के अनुसार समान्य वर्ग के आर्थिक रुप से कमज़ोर उन लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा जिनकी वार्षिक आय ₹8 लाख से कम है। इसके अलावा इस वर्ग के उन्हीं लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन व 1000 वर्ग फीट से कम में घर है। परंतु, गुजरात सरकार ने समान्य वर्ग के ग़रीब लोगों के लिए दिए जाने वाले आरक्षण में जमीन व घर की शर्तों को हटा दिया है।
फरवरी से इस वर्ग के लोगों को मिलेगा आरक्षण का लाभ
जानकारी के लिए बता दें कि आगामी 1 फरवरी से सामान्य वर्ग के ग़रीबों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलने लगेगा। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब 1 फरवरी के बाद से सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए जो भी रिक्तियाँ निकाली जाएगी, उनमे सामान्य वर्ग के ग़रीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी करते हुए कहा कि सालाना ₹8 लाख से कम आय वाले लोगों को ये सुविधा दी जाएगी। इस आदेश के क्रियान्वयन के लिए अलग से रोस्टर जारी किया जाएगा।
DoPT के संयुक्त सचिव ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी ने शनिवार (जनवरी 19, 2019) देर रात अधिसूचना जारी करते हुए कहा, “संसद ने संविधान में संशोधन कर ग़रीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र के सभी पदों एवं सेवाओं के लिए 1 फरवरी 2019 से अधिसूचित होने वाली सभी प्रत्यक्ष भर्तियों पर इसे लागू किया जाता है।”
याद दिला दें कि विधेयक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 13 जनवरी को हस्ताक्षर कर दिए थे। इस से पहले विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया था।