तिरंगा फहराने पर CM अमरिंदर और राज्यपाल मरेंगे राजनीतिक मौत: खालिस्तान आतंकी की धमकी

पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह को खालिस्तान समर्थक पन्नू की धमकी (फोटो : न्यूज18/फाइल फोटो)

हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को धमकी देने के बाद खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को भी धमकी दी है। पन्नू के ऑडियो मैसेज में कहा गया है कि अगर स्वतंत्रता दिवस को तिरंगा फहराया गया तो अच्छा नहीं होगा और ऐसा करने पर CM एवं राज्यपाल अपनी राजनीतिक मौत के जिम्मेदार खुद होंगे।

पन्नू के इस ऑडियो मैसेज में किसान आंदोलन की चर्चा की गई है और कहा गया है, “हमारे किसान मर रहे हैं, ऐसे में किसी भी हालत में स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराया जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” पिछले कुछ दिनों से ऐसे ही मैसेज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए। इसके बाद हिमाचल प्रदेश में शिमला के साइबर थाने में खालिस्तान समर्थक एवं SFJ के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया। इसमें आईटी एक्ट समेत कई और धाराएँ भी जोड़ी गई हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर को भी पन्नू ने इसी तरह के फोन कॉल के माध्यम से धमकाया है। इस धमकी के कारण गुरुग्राम के साइबर क्राइम थाने में पन्नू के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। शुक्रवार (06 अगस्त 2021) को ही पन्नू के नाम से यूपी पुलिस के पास आए फोन कॉल में सीएम आदित्यनाथ को भी धमकी दी गई। SFJ ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा। साथ ही यह भी कहा कि उसी दिन थर्मल पावर प्लांट भी बंद कर दिए जाएँगे। इस कॉल में यह भी धमकी दी गई कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और रामपुर समेत कई इलाकों को खालिस्तान द्वारा आजाद कराया जाएगा।

हाल ही में हिमाचल प्रदेश में श्री नयना देवी-कोलां वाला टोबा सड़क पर खालिस्तानी आतंकवादी संगठन और जरनैल सिंह भिंडरावाले के समर्थन में नारे लिखे देखे गए थे। जगह-जगह पेंट और मार्कर पेन से ‘खालिस्तान जिंदाबाद’, ‘खालिस्तान में शामिल हों‘ और पंजाबी भाषा में ‘जनमत संग्रह 2021‘ व ‘SFJ में शामिल हों’ लिखा हुआ देखा गया था। इस तरह की घटनाओं को देखते हुए राज्यों में सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं और खुफिया एजेंसियाँ भी सतर्क हो चुकी हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया