शाहीन बाग में सिर्फ 19 महिला प्रदर्शनकारी: हकीकत सामने आई तो महिला पत्रकारों से बदसलूकी, सब कुछ कैमरे में कैद

शाहीन बाग की हकीकत दिखाने की सजा! इंडिया TV की महिला पत्रकारों से अभद्रता (साभार-इंडिया टीवी)

कुछ समय पहले पूरे देश में सीएए विरोध का केन्द्र बना दिल्ली का शाहीन बाग इन दिनों दम तोड़ता दिखाई दे रहा है। इसकी सच्चाई तब सामने आई कि जब शुक्रवार दोपहर को धरने पर पहुँची इंडिया टीवी ने वहाँ की लाइव तस्वीरों को सभी के साथ साझा किया। इस बात की जानकारी जैसे ही शाहीन बाग के आकाओं को लगी तो समझो आग लग गई। इसके बाद धरने पर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ महिला पत्रकारों से धक्का-मुक्की की बल्कि उनके कैमरे को भी तोड़ने की कोशिश की गई।

दिल्ली स्थित शाहीन बाग में 83वें दिन महिलाओं का सीएए के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी रहा, लेकिन इस धरने का वह असली रूप अब ग़ायब सा हो गया है, जो कि पिछले महीने तक दिल्ली राजनीति का ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति का केन्द्र बना हुआ था। यहाँ की लाइव तस्वीरों को दिखाने के लिए शुक्रवार को जब शाहीन बाग में इंडिया टीवी की दो महिला पत्रकार मौके पर पहुँचीं तो वहाँ मौजूद प्रदर्शनकारियों में कैमरे को देख भगदड़ मच गई। और ज्यादा भीड़ को एकत्र करने के लिए इमरजेंसी हूटर बजा दिया गया। इसके बाद तो किसी ने महिला पत्रकार के माइक को थामा तो किसी ने कैमरे के सामने हाथ लगा दिया। और तो और, लाइव कवरेज को रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों ने महिला पत्रकार के कैमरे तक को तोड़ने की कोशिश कर डाली।

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शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे का समय था। न्यूज चैनल इंडिया टीवी की पत्रकार मीनाक्षी जोशी अपनी टीम के साथ लाइव कवरेज के लिए शाहीन बाग धरने पर पहुँचती हैं। यहाँ मीनाक्षी जोशी ने देखा कि धरने पर कुछ चुनिंदा महिला प्रदर्शनकारी ही बैठी हुई हैं। जब महिला पत्रकार ने लाइव कैमरे पर ही प्रदर्शकारियों की गिनती की तो वह 19 हुई। इस गिनती को सुन धरने पर मौजूद महिलाएँ भड़क उठीं और इसके बाद उन्होंने इमरजेंसी सायरन को बजा दिया। इसके बाद एक के बाद एक वहाँ सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। धरने पर जो भी पहुँचा, उसने सबसे पहले चैनल पर धरने की झूठी खबरें चलाने का आरोप लगाते हुए लाइव कवरेज को बंद करने की कोशिश की।

बाद में भीड़ की शक्ल में पहुँचे प्रदर्शनकारियों ने उस महिला प्रदर्शनकारी को बात करने से मना कर दिया, जिससे महिला पत्रकार सवाल कर रही थीं। इसके बाद प्रदर्शकारियों ने पत्रकार का माइक पकड़ा, कैमरे के सामने हाथ लगाया और फिर इसके बाद भी कवरेज को बंद न करने पर कैमरे को तोड़ने की कोशिश की। इतना ही नहीं, इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने महिला पत्रकार से अभद्रता तक की और गो बैक-गो बैक के साथ-साथ गोदी मीडिया के नारे लगाने लगे। चौंकाने वाली बात यह है कि कोई भी कैमरे के सामने आने के लिए तैयार नहीं था और जो आ भी रहा था तो वह पहले अपने चेहरे को ढकता था या फिर मुँह पर उँगली लगाकर कुछ न बोलने का पत्रकार के सामने इशारा करता था।

खैर, अब शाहीन बाग पर बैठी 19 प्रदर्शनकारी महिला की तस्वीरें और लाइव कवरेज के दौरान महिला पत्रकारों से की गई अभद्रता का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस तरह से शाहीन बाग का धरना दम तोड़ता दिखाई दे रहा है और जब इसी हकीकत को कैमरे में कैद किया गया तो किस तरह महिला पत्रकारों से बदतमीजी की गई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया