जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। शेहला पर भारतीय सेना के खिलाफ दो आपत्तिजनक ट्वीट करने का आरोप है।
दरअसल, शेहला रशीद ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अगस्त 2019 में भारतीय सेना के खिलाफ दो ट्वीट किए थे। इस ट्वीट को लेकर सितंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने FIR दर्ज कराई थी। इस मामले में केस चलाने के लिए उप-राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा गया था। उन्होंने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
दिल्ली के उप-राज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि एलजी वीके सक्सेना ने भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक ट्वीट करने के लिए मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। ये ट्वीट्स विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से किए गए थे।
गौरतलब है कि शेहला ने 18 अगस्त 2019 को ट्वीट कर सेना पर अत्याचार करने का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट किया था, “आर्म्ड फोर्सेज रात के समय घरों में घुसती है और लड़कों को उठा लेती है। जानबूझकर राशन जमीन पर फेंक दिया जाता है, चावल में तेल मिला दिया जाता है।”
शेहला ने अपने अगले ट्वीट में भी भारतीय सेना पर ऐसे ही आरोप लगाए थे। शेहला ने ट्वीट किया था, “शोपियाँ में 4 लोगों को सेना के कैंप में बुलाया गया और पूछताछ के नाम पर उन्हें प्रताड़ित किया गया। एक माइक को उनके करीब रखा गया जिससे पूरे इलाके के लोगों को उनकी चीखें सुनाई दें और वे दहशत में रहें। इसकी वजह से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।”
इन ट्वीट्स को लेकर गृह मंत्रालय ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि सेना के खिलाफ झूठे आरोप लगाना एक गंभीर मुद्दा है। हालाँकि, आपराधिक कानून के तहत हर ट्वीट पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। लेकिन इस तरह के ट्वीट के मामले में शेहला के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153A के तहत मुकदमा चलाने का मामला बनता है।