कौन है सचिन वाजे का ‘गुरु’ प्रदीप शर्मा: एंटीलिया के बाहर बम रखने से लेकर मनसुख हिरेन की हत्या तक था एक्टिव

कल का एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और आज का शिवसेना नेता प्रदीप शर्मा (साभार: ट्विटर)

एंटीलिया बम कांड और मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट व शिवसेना नेता प्रदीप शर्मा भी एनआईए (NIA) के घेरे में हैं। प्रदीप शर्मा इन दोनों मामले में जाँच एजेंसी के दायरे में आने वाले पाँच अधिकारियों में से एक हैं। सचिन वाजे ने जाँच एजेंसी को प्रदीप शर्मा के बारे में कई पुख्ता जानकारियाँ दी हैं। वाजे ने बताया कि वो प्रदीप शर्मा के साथ काम कर चुका है और उसे अपना ‘गुरु’ मानता है।

रिपब्लिक टीवी में प्रकाशित खबर के मुताबिक सचिन वाजे ने अपने बयान में शर्मा का नाम लिया था। वाजे ने एनआईए को बताया कि शर्मा ने उद्योगपति मुकेश अंबानी की ‘एंटीलिया’ के बहार विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो खड़ी करने में उसकी मदद की थी। 5 मार्च को मनसुख हिरेन की लाश मिलने तक प्रदीप शर्मा लगातार वाजे के संपर्क में था। एनआईए के पास भी इसके कई ठोस सबूत हैं।

गौरतलब है कि एनआईए ने प्रदीप शर्मा से बुधवार को करीब साढ़े सात घंटे तक पूछताछ की। सूत्रों ने बताया कि एनआईए शर्मा के कुछ सवालों के जवाब से संतुष्ट नहीं थी। लिहाजा उसे गुरुवार को दोबारा तलब किया। बताया जाता है कि स्कॉर्पियो में रखी जिलेटिन की 20 छड़ें वाजे को प्रदीप शर्मा ने ही उपलब्ध कराई थीं।

कौन हैं प्रदीप शर्मा

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा मुंबई पुलिस के सबसे चर्चित अफसर रहे हैं। अपने 36 साल के करियर में प्रदीप शर्मा ने करीब 312 लोगों का एनकाउंटर किया। अब वे शिवसेना में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने शिवसेना के टिकट पर पिछला विधानसभा चुनाव पालघर की नालासोपारा सीट से लड़ा था। बताया जाता है कि शिवसेना का शीर्ष नेतृत्व भी उन्हें बहुत पसंद करता है।

शर्मा की टीम का हिस्सा रह चुके हैं वाजे और शिंदे

मनसुख हिरेन हत्याकांड में गिरफ्तार सचिन वाजे और विनायक शिंदे प्रदीप शर्मा की टीम का हिस्सा रह चुके हैं। उनकी टीम में रहते हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियर ख्वाजा यूनुस की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में 2002 में सचिन वाजे का नाम सामने आया था। इसके चलते उन्हें हाई कोर्ट के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया था। वहीं, विनायक शिंदे को 2006 में हुए लखन भैया एनकाउंटर मामले में आरोपित बनाया गया था। इस मामले में शर्मा तो बाइज्जत बरी हो गए थे, लेकिन शिंदे सहित कई और पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

बता दें कि मुंबई पुलिस के जूनियर अफसरों को 100 करोड़ की वसूली का टारगेट देने के मामले में सीबीआई ने जाँच शुरू कर दी है। सीबीआई की टीम ने गुरुवार को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को कालीना के डीआरडीओ गेस्ट हाऊस में बुलाकर पूछताछ की। सिंह के अलावा सीबीआई ने एसीपी संजय पाटिल और एड. जयश्री पाटिल का भी बयान दर्ज किया।

वहीं महाराष्ट्र में गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद राज्य के भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने भी एक बड़ा दावा किया है। पाटिल ने गुरुवार (अप्रैल 8, 2021) को कहा कि राज्य के दो और मंत्रियों को 15 दिन में इस्तीफा देना पड़ेगा। उनके अनुसार, राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिहाज से उपयुक्त स्थिति है। 

पाटिल का यह बयान मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे का पत्र मिलने के बाद सामने आया है। इसमें वाजे ने देशमुख पर आरोप लगाया कि देशमुख ने उन्हें नौकरी पर वापस रखने के लिए उनसे 2 करोड़ रुपए माँगे थे। वहीं परिवहन मंत्री अनिल परब ने कॉन्ट्रैक्टर्स से रुपए इकट्ठा करने को कहा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया