‘डॉक्टर से ज्यादा जानते हैं कंपाउंडर’ – संजय राउत का बयान, IMA ने की इस्तीफे की माँग, लिखा CM ठाकरे को पत्र

संजय राउत (फाइल फोटो)

शिवसेना नेता संजय राउत ने कुछ दिन पहले एक मराठी न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा था कि डॉक्टरों से बेहतर कंपाउंडर होते हैं। इसलिए वह कंपाउंडर से ही दवा लेते हैं। अपने इस बयान को उन्होंने WHO की आलोचना करते हुए दिया था।

अब उनके इसी बयान पर बवाल मचा है। जिससे उनके इस्तीफे की माँग उठने लगी है। IMA ने तो इस संबंध में महाराष्ट्र मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। साथ ही शिवसेना नेता से माफी माँगने को भी कहा है।

ठाणे के एसोसिएसन अध्यक्ष की ओर से लिखे गए पत्र में राउत की निंदा करते हुए कहा गया है कि स्वास्थ्यकर्मी अपने बीवी, बच्चे, बूढ़े माता-पिता को छोड़कर, अपनी जान को खतरे में डालकर काम कर रहे हैं। ऐसे समय में संजय राउत जैसे वरिष्ठ राजनेताओं के मुख से ये सुनना कि कंपाउंडर को डॉक्टर से ज्यादा मालूम है- ये बेहद हैरान करने वाला है।

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पत्र में लिखा गया है कि वह इस तरह के बर्ताव की निंदा करते हैं और संजय राउत की इस्तीफे की माँग करते हैं। उनका यह भी कहना है कि डॉक्टर इस तरह के अपमानजनक व नकारात्मक कमेंट्स के साथ अच्छे से काम नहीं कर पाएँगे। इससे डॉक्टरों का मनोबल गिरा है और इसलिए वह इस मामले पर कड़ी कार्रवाई चाहते हैं।

आईएमए, ठाणे के अध्यक्ष डॉ. संतोष कदम ने कहा, “इस समय जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ रही है, खासतौर पर उस समय हम मेडिकल टीम और डॉक्टरों के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाए जाने को देखते हैं। इस वजह से हमने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है।”

इसी प्रकार डॉक्टरों के दूसरे संगठन मार्ड ने भी सोमवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या वह भी मानते हैं कि डॉक्टरों को कुछ नहीं आता और उनसे ज्यादा ज्ञान कंपाउंडर्स को होता है? 

इस बीच भाजपा ने भी शिवसेना नेता पर निशाना साधा है और उनसे माफी की माँग की है। भाजपा के मुताबिक संजय राउत ने डॉक्टर्स का अपमान किया है, जो इस महामारी में अहम रोल निभा रहे हैं।

बता दें कि स्थानीय चैनल को दिए अपने साक्षात्कार में , शिवसेना नेता ने कहा था, “WHO लोगों का एक समूह है। तो डॉक्टर भी उसका हिस्सा हैं। सच्चाई ये है कि एक कंपाउंडर भी डॉक्टर से ज्यादा जानता है। मैं हमेशा डॉक्टर की जगह कंपाउंडर से दवाई लेता हूँ।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि लोगों को WHO पर यकीन नहीं करना चाहिए क्योंकि कोरोना उन्हीं के कारण फैला है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया