Friday, November 22, 2024
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सपा विधायक और UP सरकार में पूर्व मंत्री को गैंगरेप में हुई जेल

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के निर्देश पर मामला साल 2007 में आईपीसी के तहत नगीना थाने में दर्ज हुआ था। इस मामले में आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।

बिजनौर के नगीना से समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री मनोज पारस को गैंगरेप मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने जेल भेज दिया है। 13 जून 2007 को दर्ज हुई रिपोर्ट के मुताबिक आरोपित विधायक ने पीड़ित महिला को राशन की दुकान दिलाने का भरोसा दिलाकर अपने घर बुलाया था। यहाँ उसने जयपाल, अस्सू और कुंवर सैनी के साथ मिलकर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।

इस मामले में अन्य आरोपित जयपाल, अस्सू, कुंवर सैनी कोर्ट में सरेंडर करने के बाद से जेल में हैं, लेकिन विधायक न तो खुद कोर्ट में पेश हुए थे और न ही जमानत कराई थी। ऐसे में जब शनिवार को सपा विधायक एम-एमएलए कोर्ट में पेश हुए तो उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दे दिया गया। उनकी ओर से दी गई जमानत अर्जी पर सुनवाई 4 जून को होनी है, तब तक मनोज पारस को जेल में ही रहना होगा।

बता दें अभी हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा विधायक द्वारा याचिका को खारिज किया था जिसमें मनोज पारस द्वारा मामले को बंद करने की गुहार लगाई गई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के निर्देश पर मामला साल 2007 में आईपीसी के तहत नगीना थाने में दर्ज हुआ था। इस मामले में आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। हालाँकि बाद में आरोपितों की गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय रोक लगा दी थी।

इसके बाद एक जाँच अधिकारी ने आरोपित के ख़िलाफ़ 2011 में हलफनामा दर्ज करवाया था, लेकिन सही प्रक्रिया फॉलो न करने के कारण उसे प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज कर दिया गया था। इसके बाद ये मामला उस समय सुर्खियों में आया जब दोबारा मनोज को 2012 में सपा से टिकट मिला और साथ ही उन्हें मंत्री भी बनाया गया।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक प्रवीण देशवाल का कहना है कि इस समय स्थानीय कोर्ट में पारस के ख़िलाफ़ कोई मामला पेंडिंग नहीं हैं क्योंकि 2017 में यूपी सरकार ने प्रावधान बनाया था कि एमपी और एमएलए से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई इलाहाबाद की स्पेशल कोर्ट करेगी, तब से ये मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में पेंडिंग था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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