जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब, चुनाव कब होंगे: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से माँगा रोडमैप, 370 हटाने पर हो रही सुनवाई

जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का सवाल

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। सुनवाई के 12वें दिन मंगलवार (29 अगस्त, 2023) को कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा कब बहाल किया जाएगा? वहाँ चुनाव कब कराए जाएँगे? इसके लिए समय सीमा और रोड मैप क्या है? इस पर सरकार ने 31 अगस्त को विस्तृत जवाब देने की बात कही है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान का जिक्र किया। शाह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा सही समय आने पर बहाल किया जाएगा।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। लेकिन इसे पूर्ण राज्य बनाया जाएगा। इसके लिए काम भी किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि कब तक राज्य बनाया जाएगा और वहाँ चुनाव कब तक कराए जाएँगे? इसके लिए कोई रोड मैप है? पीठ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर स्थायी रूप से केंद्र शासित प्रदेश नहीं रह सकता। वहाँ लोकतंत्र की बहाली जरूरी है।

इस पर सॉलिसिटर जनरल मेहता ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। लेकिन इसको लेकर 31 अगस्त को वह विस्तृत जवाब देंगे। वहीं, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा। उन्होंने बताया कि राज्य की पुलिस और कानून-व्यवस्था के अलावा बाकी सभी शक्तियाँ जम्मू-कश्मीर के पास ही हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार (28 अगस्त, 2023) को हुई सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा था कि अनुच्छेद 35ए नागरिकों के तीन मौलिक अधिकार छीन लेता है। इसने गैर कश्मीरियों को राज्य में बसने, अचल संपत्ति खरीदने और रोजगार में समानता के अधिकार से वंचित कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुच्छेद 35A हटने के कारण जम्मू-कश्मीर में निवेश आना शुरू हुआ है। केंद्र सरकार के अधीन पुलिस व्यवस्था होने के कारण पर्यटन भी शुरू हो गया है। एसजी मेहता ने बताया कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से 16 लाख पर्यटक जम्मू-कश्मीर आ चुके हैं। क्षेत्र में नए होटल खोले गए हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है।

जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने को लेकर सरकार का पक्ष रखते हुए एसजी मेहता ने यह भी कहा था कि साल 2019 की शुरुआत में पुलवामा हमला हुआ था। इसके बाद सरकार ने 370 हटाने का मन बना लिया था। इसके अलावा, देश की संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे कई मुद्दों को देखते हुए 370 हटाया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया