Friday, May 3, 2024
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बोले CJI चंद्रचूड़- 35A ने नागरिकों से छीने 3 मौलिक अधिकार, केंद्र ने बताया पुलवामा अटैक के बाद लिया जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने का फैसला

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अनुच्छेद 35ए नागरिकों के तीन मौलिक अधिकार छीन लेता है। इसने गैर कश्मीरियों को राज्य में बसने, अचल संपत्ति खरीदने और रोजगार में समानता के अधिकार से वंचित कर दिया।

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370 Case) हटाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुनवाई के 11वें दिन सोमवार (28 अगस्त 2023) को केंद्र ने बताया कि पुलवामा हमले के बाद अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया गया था। वहीं मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 35A (Article 35A) को नागरिकों के मौलिक अधिकारों को हनन करने वाला बताया।

सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। केंद्र सरकार की दलीलों को सुनने के दौरान अनुच्छेद 35A को लेकर मौखिक टिप्पणी की गई।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अनुच्छेद 35ए नागरिकों के तीन मौलिक अधिकार छीन लेता है। इसने गैर कश्मीरियों को राज्य में बसने, अचल संपत्ति खरीदने और रोजगार में समानता के अधिकार से वंचित कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुच्छेद 35A हटने के कारण जम्मू-कश्मीर में निवेश आना शुरू हुआ है। केंद्र सरकार के अधीन पुलिस व्यवस्था होने के कारण पर्यटन भी शुरू हो गया है। एसजी मेहता ने बताया कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से 16 लाख पर्यटक जम्मू-कश्मीर आ चुके हैं। क्षेत्र में नए होटल खोले गए हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है।

अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर सॉलिसिटर जनरल मेहता ने बताया कि पहले जो गलतियाँ हुईं हैं, उनका असर आने वाली पीढ़ियों पर नहीं पड़ना चाहिए। साल 2019 तक जो गलती चली आ रही थी, उसे सुधारना जरूरी था। इस मामले को जम्मू-कश्मीर के लोगों के दृष्टिकोण से देखना चाहिए। अब तक उन लोगों को समझाने वालों ने उनसे कहा था कि अनुच्छेद 370 नुकसान नहीं, बल्कि उनका विशेषाधिकार है और उन्हें इसके लिए लड़ते रहना चाहिए।

एसजी मेहता ने आगे कि यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जो अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर के लोगों अधिकारों और विकास में बाधा बना हुआ था, उसे लोगों को एक विशेषाधिकार की तरह बताया जा रहा था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने को लेकर सरकार का पक्ष रखते हुए यह भी कहा है कि बहुत सारी चीजें हुईं हैं। साल 2019 की शुरुआत में पुलवामा हमला हुआ था। इसके बाद सरकार ने 370 हटाने का मन बना लिया था। इसके अलावा, देश की संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे कई मुद्दों को देखते हुए 370 हटाया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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