जहाँगीरपुरी में बुलडोजर रुकवाने पहुँचीं वृंदा करात, सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का दिया है निर्देश

जहाँगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने के अभियान पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

सीपीएम की नेता वृंदा करात सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर जहाँगीरपुरी पहुँचीं हैं। उनका आरोप है कि शीर्ष अदालत ने सुबह के 10 बजकर 45 मिनट पर यथास्थिति बहाल रखने का आदेश दिया था। बावजूद इसके एनएमसीडी का कार्रवाई जारी है।

इससे पहले दिल्ली के जहाँगीरपुरी में अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का काम शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने यथास्थिति बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं। यानी एनएमसीडी का जो एक्शन चल रहा था उसे अब रोक दिया गया है। जो अवैध निर्माण तोड़ दिए गए थे, उनके मलबे हटाए जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। जमीयत ने अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने की गुहार लगा रखी है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट राज्यों को यह आदेश दे कि अदालत की अनुमति के बिना किसी के घर या दुकानों को न गिराया जाए। याचिका में मुख्य रूप से केंद्र सरकार के साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात का जिक्र है।

सुप्रीम कोर्ट की रोक से पहले जहाँगीरपुरी में अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का काम बुधवार (20 अप्रैल 2022) को शुरू कर दिया गया था। भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच एनडीएमसी बुलडोजर के जरिए अवैध कब्जों को हटा रही थी। दो दिनों तक यह अभियान चलना था। यह वही इलाका है जहाँ 16 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव पर निकाली गई हिंदुओं की शोभयात्रा पर हमला किया गया था।

इससे पहले जैसे ही जहाँगीरपुरी से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू करने की बात सामने आई इलाके में हड़कंप मच गया था। लोग सुबह-सुबह अपना सामान समेटते नजर आए थे। अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने से पहले पुलिस ने इलाके में फ्लैग मार्च भी किया था। एनडीएमसी ने नॉर्थ-वेस्ट डीसीपी को पत्र लिखकर इस कार्रवाई के दौरान इलाके में 400 पुलिसकर्मियों की तैनाती की माँग की थी। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा था कि एनडीएमसी को अतिक्रमण हटाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है। हमारा फोकस कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर है। वहीं एनडीएमसी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा था कि अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई अन्य इलाकों में चलेगी। उनके मुताबिक प​हले भी इसके लिए सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह किया गया था। लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं हो पाया था। अब मेयर इकबाल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने और उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की बात कही है।

गौरतलब है कि दिल्ली के जहाँगीरपुरी इलाके में हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर जो हिंसा हुई उसके बाद से स्थानीय लगातार दावा कर रहे थे कि जिस इलाके में ये सब हुआ वहाँ बांग्लादेशी मुस्लिम गुंडई करते हैं। अधिकांश लोगों ने अपने बयान में बांग्लादेशी शब्द का प्रयोग किया और बताया कि कैसे यहाँ पर अपराधों को अंजाम दिया जाता रहा है। कुछ लोगों ने तो शिकायत ये भी की थी कि वो हिंदुस्तानी होकर हिंदुस्तान में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं। उनका और उनकी बहन-बेटियों का जीना मुश्किल कर दिया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया