‘मुस्लिम मार भी डालें तो हिंदू गुस्सा न हों’: प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने बताए गाँधी के विचार तो ट्रॉल हैंडल ‘टीम साथ’ ने गिरफ्तारी की माँग, अभिनेता सुशांत सिंह हैं ब्रांड एम्बेस्डर

प्रोफेसर रंगनाथन ने बताए गाँधी के विचार तो ट्रोल अकाउंट 'टीम साथ' ने की गिरफ्तारी की माँग का (फोटो साभार: AnandRanganathan का ट्विटर अकाउंट)

ट्रोल ट्विटर अकाउंट ‘टीम साथ’ ने वैज्ञानिक और स्तंभकार डॉ. आनंद रंगनाथन को गिरफ्तारी की माँग की है। दरअसल, रंगनाथन ने एक ट्वीट कर कहा है कि मोहनदास करमचंद गाँधी का कहना था कि मुस्लिम हिंदुओं की हत्या करना चाहते हों तब भी हिंदुओं को गुस्सा नहीं होना चाहिए। यह वही टीम साथ है, जिसके ‘गुडविल एंबेसडर’ टीवी एक्टर सुशांत सिंह हैं।

आनंद रंगनाथन ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट में लिखा था, “राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने 6 अप्रैल 1947 को कहा था कि भले ही मुस्लिम हम सभी को मार डालना चाहते हों तब भी हिन्दुओं को मुस्लिमों के प्रति क्रोध नहीं करना चाहिए। हमें मौत का बहादुरी से सामना करना चाहिए। यदि मुस्लिमों ने सभी हिंदुओं को मारकर अपना शासन स्थापित कर लिया तो हम एक नए भारत में प्रवेश करेंगे।” वहीं, वीडियो में रंगनाथन ने कहा है कि गाँधी हिंदू विरोधी थे इसलिए गीता प्रेस को गाँधी पुरूस्कार नहीं दिया जाना चाहिए था।

प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने जो ट्वीट किया है, वह मोहनदास करमचंद गाँधी के भाषण का हिस्सा है। 6 अप्रैल, 1947 को एमके गाँधी ने प्रार्थना सभा में भाषण दिया। इस सभा में उन्होंने इस बात पर निराशा व्यक्त की थी कि बिहार में हिंदुओं ने मुस्लिमों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने हिंदुओं पर ‘राष्ट्रवादी मुस्लिमों’ को मारने का आरोप भी लगाया। 

मोहनदास करमचंद गाँधी ने कहा था, “हिंदुओं को मुस्लिमों के खिलाफ अपने दिल में गुस्सा नहीं रखना चाहिए। भले ही मुस्लिम उन्हें मारना चाहते हों। अगर मुस्लिम हम सबको मारना भी चाहें तो भी हमें बहादुरी से मौत का सामना करना चाहिए। यदि मुस्लिमों ने हिंदुओं को मारकर अपना शासन स्थापित किया, तो हम अपने जीवन का बलिदान देकर एक नई दुनिया में प्रवेश करेंगे। किसी को भी मौत से नहीं डरना चाहिए। जन्म और मृत्यु प्रत्येक मनुष्य के लिए अपरिहार्य है।फिर हमें खुशी या शोक क्यों मनाना चाहिए? यदि हम मुस्कुराते हुए मरेंगे, तो हम एक नए जीवन में प्रवेश करेंगे। हम एक नए भारत की शुरुआत करेंगे।”

प्रोफेसर रंगनाथन ने जो भी कहा है वह महात्मा गाँधी की किताब ‘कलेक्टेड वर्क्स ऑफ महात्मा गाँधी’ में पढ़ा जा सकता है। इसके अलावा, इसे गाँधी आश्रम सेवाग्राम की वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है। यह किताब के  पेज नंबर 248 के अंतिम पैराग्राफ में “वॉल्यूम 99” : (17 फरवरी, 1947 – 29 अप्रैल, 1947)” में देखा जा सकता है।


यही नहीं, प्रोफेसर रंगनाथन ने यह भी कहा है, “पहली बात तो यह है कि गाँधी पुरस्कार दिया जाना ही भारत का अपमान है।” इसके बाद उन्होंने गाँधी की भतीजी मनु की कहानी सुनाई। जिसे एमके गाँधी ने पत्थर लाने के लिए दंगों के बीच भेज दिया था। मनु को मजबूरन 30 मील पैदल चलना पड़ा था इस कहानी को गाँधी के पोते राजमोहन गाँधी ने अपनी पुस्तक ‘द मैन, हिज पीपल एंड द एम्पायर’ में विस्तार से बताया है।

डॉ. आनंद रंगनाथन की गिरफ्तारी की माँग करते हुए टीम साथ’ ने उनके ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। साथ ही लिखा है, “अब इस आदमी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलाया जाना चाहिए। किसी को आगे आने चाहिए और इस बैल को सीगों से पकड़ना चाहिए।” इसके साथ ही ‘टीम साथ’ ने कॉन्ग्रेस, कॉन्ग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और लेखक अशोक पांडेय को टैग किया है।

ट्रोल अकाउंट ‘टीम साथ’ को लेकर सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि टीवी एक्टर सुशांत सिंह इसके संस्थापक हैं। हालाँकि एक ट्वीट में ‘टीम साथ’ ने कहा है कि टीवी एक्टर सुशांत सिंह उसके ‘गुडविल एंबेसडर’ हैं। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया