नए साल में 2210 पाकिस्तानी हिंदू आए भारत, कहा- चाहे जान ले लो, मगर वापस जाने के लिए न कहो

पाकिस्तान से उत्पीड़ित होकर भारत आए हिंदू

भारत में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर मचे बवाल के बीच सोमवार (फरवरी 3, 2020) को पाकिस्तान से करीब 200 हिंदू अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत आए। इनमें से अधिकतर का कहना है कि वो पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहते। ये लोग हरिद्वार जाने के लिए 25 दिन का वीजा लेकर यहाँ आए हैं। इनका कहना है कि पाकिस्तान में जीना मुश्किल है। इन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत की नागरिकता देने की अपील की है।

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मीडिया रिपोर्टों के नौसर इस साल 1 से 31 जनवरी तक 2010 हिंदू अटारी-वाघा के रास्ते भारत आए। 1 और 2 फरवरी को कोई नहीं आया और फिर 3 फरवरी को 200 लोग आए। यानी कि इस साल कुल 2210 पाकिस्तानी हिंदू भारत आए हैं। कुछ ने वहाँ हो रही ज्यादतियों के बारे में बात करते हुए कहा कि ‘चाहे जान ले लो, मगर वापस जाने के लिए न कहो।’ 

पाकिस्तान से आए लोगों का कहना है, “वहाँ बच्चियों को सरेआम उठाकर ले जाने की धमकियाँ मिलती रहती हैं। अब हम वापस पाकिस्तान नहीं लौटना चाहते।” एक लड़की ने कहा है कि अब हम अपने देश में आ गए हैं। बता दें कि ये हिंदू परिवार अपना घरेलू सामान बोरों में भरकर लाए हैं और कह रहे हैं कि वो अपना आश्रय ढूँढ लेंगे। इससे स्पष्ट हो रहा है कि ये लोग वापस जाने की मंशा से तो नहीं आए हैं।

एक पाकिस्तानी हिंदू ने कहा कि नए नागरिकता कानून के लागू होने के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू भारतीय नागरिकता मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। एक महिला ने कहा, “हम पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं महसूस करते। हमारी लड़कियों को हमेशा डर लगा रहता है कि कोई कट्टरपंथी उनका अपहरण कर लेगा। पुलिस मूक दर्शक बनी देखती रहती है। हमारी लड़कियाँ पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में आजादी से चल भी नहीं सकती हैं।” बिना अपना नाम बताए दो अन्य महिलाओं ने बताया कि पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का अपहरण अब रोज की बात हो गई है। कट्टरपंथियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने की हिमाकत कोई नहीं कर सकता।

उनका कहना है कि अब तो हिंदू विवाहिताओं का भी अपहरण होने लगा है। जबरन धर्मांतरण करवा उनका निकाह करा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अब भारत ही एकमात्र सहारा है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 से अब तक 60 महिलाओं को जबरन इस्लाम कबूल करवाकर मुस्लिम युवकों से निकाह करवाया गया है। इसमें कई विवाहिताएँ शामिल हैं। कई तो ऐसी भी रहीं जिनकी हत्या तक कर दी गई।

अकाली दल के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने इन सभी को वाघा बॉर्डर पर रिसीव किया। सिरसा ने दावा किया कि ये वो लोग हैं जिन्हें पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। सिरसा का कहना है कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और इन्हें भारतीय नागरिकता देने की अपील करेंगे।

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सिरसा ने ट्वीट किया, “पाकिस्तान में दलित हिंदू-सिख ही नहीं बल्कि पढ़े-लिखे हिंदू सिख परिवार भी ज़बरन धर्म परिवर्तन का अत्याचार झेल रहे हैं। पाक के एक ऐसे ही डॉक्टर परिवार को मैंने बॉर्डर पर रिसीव किया। उन्होंने अपनी जो आपबीती बताई उसे सुनकर हम सबके रोंगटे खड़े हो गए। इस परिवार को जल्द भारत की नागरिकता दिलवाने के सिलसिले में मैं गृह मंत्री अमित शाह से मिलूँगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया