800 CCTV फुटेज, 1 चोरी की बाइक, 2 संदिग्ध: IED-RDX कहाँ से आया-कौन लाया, दिल्ली में कई बम ब्लास्ट की थी साजिश

पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर से IED विस्फोटक बरामद किए गए (फोटो सभारल PTI/अमर उजाला)

पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में IED विस्फोटक बरामद किए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2 संदिग्धों की पहचान की है। याद दिला दें कि 14 जनवरी, 2022 को गाजीपुर के ‘फ्लॉवर मार्केट’ में ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED)’ बरामद किया गया था। सीसीटवी कैमरा फुटेज में देखा जा सकता है कि बाइक पर बैठे दो लोग एक बैग लेकर जा रहे हैं। इससे मिले सुराग के आधार पर दिल्ली पुलिस ओल्ड सीमापुरी के एक फ़्लैट पर पहुँची। दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन से उनकी बाइक भी जब्त कर ली गई है।

ये इलाका उत्तर-पूर्वी दिल्ली में स्थित है। गुरुवार (17 फरवरी, 2022) को वहाँ से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने RDX से लैस एक विस्फोटक डिवाइस बरामद की है। इसके बाद दिल्ली पुलिस तीन लोगों की तलाश में लग गई, जिनमें से एक की लम्बी दाढ़ी है। इन तीनों के स्केच तैयार कर लिए गए हैं। पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने स्पेशल सेल की नवगठित ‘जिहादी टेरर यूनिट’ की एक टीम का गठन किया है, जो इनका पता लगाएगी। गाजीपुर और सीमापुरी से बरामद किए गए विस्फोटक समान ही हैं।

‘टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI)’ की खबर के अनुसार, गाजीपुर में IED बरामद होने के बाद दिल्ली पुलिस ने आसपास के 200 सीसीटीवी कैमरों को खँगाला। गाजीपुर और EDM मॉल के बीच स्थित एक सीसीटीवी कैमरे में दो लोगों को बाइक पर बैठे देखा गया, जिनके पास दिख रहा बैग उस बैग की तरह ही दिख रहा था, जिसमें IED बरामद की गई। उन्होंने अपने चेहरे शॉल से ढक रखे थे। कुल मिला कर 800 कैमरों के फुटेज को खँगाला गया। सुबह के करीब 10 बजे वो उस बैग को फ्लॉवर मार्किट में छोड़ गए थे।

इलेक्ट्रॉनिक रूट के माध्यम से खँगालने के बाद दिल्ली पुलिस को पता चला कि 11 बजे ये दोनों ओल्ड सीमापुरी में गए थे। पुलिस ने इन दोनों के बारे में सूचनाएँ इकट्ठी करने के लिए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को लगाया। फिर ओल्ड सीमापुरी की D49 बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर उनके रहने की जानकारी मिली। गुरुवार को डेढ़ बजे वहाँ पहुँची पुलिस ने उनके कुछ समान बरामद किए, लेकिन ये दोनों तब तक फरार हो गए थे। उस क्षेत्र और आसपास के इलाकों में पुलिस निगरानी रख रही है।

‘राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA)’ और उत्तर प्रदेश टेररिस्ट स्क्वाड की टीमों ने भी घटनास्थल का दौरा किया है। आतंकियों की साजिश थी कि पूरे इलाके में कई विस्फोट किए जाएँ, ऐसे में आशंका है कि स्थानीय समर्थन के बिना ऐसा संभव नहीं हो पाता। 2.2 RDX को 800 ग्राम के बैग में रखा गया था। एक्स-रे सहित अन्य टेस्ट्स किए गए। उसमें ABCD स्विच और प्रोग्राम टाइमर भी था। पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI भी इसका इस्तेमाल करती रही है। ‘कंट्रोल्ड एक्सप्लोजन’ के जरिए इसे निष्क्रिय किया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया