झारखंड में धर्मांतरण का मामला: 2 महिलाएँ पुलिस की हिरासत में

प्रतीकात्मक चित्र

राँची स्थित लालपुर थाना क्षेत्र के नागरा टोली में सरना धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है। घटना बीते शनिवार (मार्च 30, 2019) की है। धर्मांतरण का यह धंधा वार्ड नंबर 19 की पार्षद रोशनी खलखो के घर के बगल में चल रहा था। धर्मांतरण के दौरान प्रार्थनाओं की आवाज़े सुनाई देने पर रोशनी मोहल्ले की अन्य महिलाओं के साथ उस घर में पहुँची जहाँ दो महिलाएँ प्रार्थना करवा रही थीं और बाक़ी दो महिलाएँ झूम रही थीं।

पार्षद और अन्य महिलाओं ने मिलकर धर्मांतरण कराने के आरोप में करीना कुजूर व सुकरो मुंडा को पकड़ा और इन्हें लालपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया। दोनों आरोपित महिलाएँ कुजरू नगड़ी की रहने वाली हैं। इन दोनों के पास से धार्मिक पुस्तक भी बरामद की गई।

पार्षद ने बताया कि वह अपने घर के पास अन्य महिलाओं से बातें कर रही थी कि तभी प्रार्थनाओं की आवाज़े आने लगी, इस पर वो बगल में रहने वाले परिवार के घर पहुँची जहाँ उन्होंने धर्मांतरण का दृश्य देखा। धर्म परिवर्तन करवा रही किमी मुंडा और उसकी गोतनी सुमित्रा प्रार्थना में झूम रही थी। इसके अलावा रोशनी ने बताया कि धर्मांतरण की इस घटना के बारे में सबसे पहले केंद्रीय सरना समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा को बताया गया, इसके बाद पुलिस पहुँची और दोनों महिलाओं को थाने ले गई।

इस मामले पर थाने में RSS के भैरव सिंह व अन्य धर्मों के प्रतिनिधि भी पहुँचे थे उन्होंने धर्मांतरण करवाने वाली महिलाओं के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की।

धर्मांतरण के ज़रिए ईसाई बनने वाली किमी मुंडा ने बताया कि जिस सुकरो मुंडा को हिरासत में लिया गया है वो उसकी मौसी हैं, जो पहले सरना धर्म से थी, बाद में उसने ईसाई धर्म अपना लिया था। दूसरी महिला करीना कुजूर के बारे में सुकरो मुंडा को कोई जानकारी नहीं है। साथ ही उसने यह भी बताया कि धर्मांतरण जैसे किसी काम को अंजाम नहीं दिया जा रहा था, वो बस पूजा कर रही थी। इस मामले पर भाजपा के राज्यसभा सदस्य समीर उरांव ने राँची में कॉन्ग्रेस और जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) को ज़िम्मेदार ठहराते हुए इस मामले को लेकर गंभीरतापूर्वक कार्रवाई करने की माँग की।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया