पिछले दिनों अपनी दाढ़ी को लेकर चर्चा में आने वाले बागपत जिले के रमाला थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतसार अली एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार खबरों में होने की वजह उनका निलंबन या बहाली नहीं है बल्कि एक देवबंदी उलेमा का बयान है। इस बयान में उलेमा ने कहा है कि इंतसार अली ने दाढ़ी कटवाकर शरीयत और इस्लाम विरोधी काम किया है। उलेमा ने यह भी कहा कि सुन्नत और इस्लाम को छोड़कर कारोबार चुनना मजहब का अपमान है।
सहारनपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद के उलेमा लुत्फुर रहमान ने इस पूरे मामले पर अपना बयान दिया है। उनका कहना है कि दरोगा को दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए थी चाहे तो वह नौकरी छोड़ देते।
मौलाना ने दाढ़ी कटवाने को नाजायज बताया है। साथ ही कहा है कि मुस्लिम अगर दाढ़ी नहीं रखता है तो शरीयत के हिसाब से जुर्म है लेकिन अगर उसने रखकर दाढ़ी कटवा दी है तो यह उससे भी बड़ा गुनाह है।
उनका कहना है कि यदि बात शरीयत और सुन्नत की आती है तो ऐसे मौके पर दाढ़ी नहीं बल्कि नौकरी ही छोड़ देनी चाहिए थी। शरीयत के हिसाब से उन्होंने बहुत बड़ा जुर्म किया है।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा:
“मैं यही कहूँगा कि मु###न का दाढ़ी ना रखना भी जुर्म है और दाढ़ी रखकर कटवा देना और बड़ा जुर्म है। दाढ़ी कटाकर नौकरी या अपने कारोबार को अहमियत देना गलत है। इस्लाम और सुन्नत को तवज्जो ना देकर के किसी कारोबार को करना मैं समझता हूँ बिल्कुल गलत है। दूसरी बात यह है कि ऐसे मौके पर अगर कहीं ऐसी बात आती है तो दाढ़ी नहीं बल्कि नौकरी छोड़ देनी चाहिए।”
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिला स्थित रमाला थाने में इंतसार अली बतौर सब इंस्पेक्टर (एसआई) तैनात थे। उन्होंने बिना अनुमति पिछले कुछ समय से लंबी दाढ़ी रखी हुई थी नतीजतन उन्हें पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया था। इसके बाद उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया था।
https://twitter.com/baghpatpolice/status/1319943402461409280?ref_src=twsrc%5Etfwमीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें कई बार दाढ़ी रखने के लिए विभाग से अनुमति लेने का आदेश दिया गया था। इसके बावजूद उन्होंने बिना किसी भी तरह की अनुमति लिए पिछले काफी समय से दाढ़ी रखी थी। बाद में जब उन्हें निलंबित किया गया तो अगले ही दिन वह दाढी कटवाकर वापस काम पर आ गए। यह देख एसपी अभिषेक सिंह ने भी उनका निलंबन वापस ले लिया और उनकी थाने में बहाली कर दी।