यूपी में लोगों को 3 महीने का मुफ्त राशन, कोरोनाकाल में अनाथ हुए बच्चों का पूरा खर्च उठाएगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को तत्काल राहत पहुँचाने के लिए सभी राशन कार्ड धारकों को 3 माह की अवधि तक राशन मुफ्त देने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश में गुरुवार (मई 20, 2021) को प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना के तहत 3.30 करोड़ पात्र कार्ड धारकों में 3 महीने का मुफ्त राशन वितरित किया जाएगा। योगी सरकार ने फैसला लिया है कि जिन पात्र व्यक्तियों के राशन कार्ड नहीं बने हैं। अभियान चलाकर उनके भी राशन कार्ड बनाए जाएँगे और उन्हें तत्काल राशन उपलब्ध कराया जाएगा।

हर कार्ड धारक को 3 किलो गेहूँ के साथ 2 किलो चावल दिया जाएगा। कम्युनिटी किचन और फूड पैकेट के जरिए रोज हजारों गरीबों तक भोजन पहुँचा रही योगी सरकार ने देश के सबसे बड़े राशन वितरण अभियान के लिए चाक चौबंद तैयारी की है। योगी सरकार ने अपने मंत्रियों, विधायकों और अफसरों को मुफ्त राशन वितरण अभियान की निगरानी के लिए जिलों में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार के मंत्री और विधायक अलग-अलग जिलों में मौजूद रहकर राशन वितरण अभियान की शुरुआत करेंगे।

पोर्टेबिलिटी के आधार पर मिलेगा राशन

राशन वितरण की निगरानी के लिए सरकारी दुकानों पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए राशन वितरण ई पास मशीनों के जरिए किया जाएगा। पात्र गृहस्थी योजना के 13,41,77,983 लोगों के साथ अंत्‍योदय अन्‍न योजना के 1,30,07,969 पात्रों को भी मुफ्त राशन वितरण योजना का लाभ मिलेगा। यूपी के कार्ड धारकों के अलावा पोर्टेबिलिटी के आधार पर कोई भी पात्र कार्ड धारक प्रदेश की सरकारी राशन की दुकानों से मुफ्त राशन प्राप्त कर सकेगा। मई महीने का राशन वितरण गुरुवार से शुरू होकर 31 मई तक चलेगा। 29 से 31 मई तक पोर्टेबिलिटी के आधार पर पात्र लोगों को राशन वितरण किया जाएगा।

80 हजार सरकारी राशन दुकानों पर खाद्यान्न उपलब्ध

कम्युनिटी किचन और फूड पैकेट के जरिए पहले ही गरीबों तक भोजन पहुँचा रही योगी सरकार ने अब मुफ्त राशन वितरण अभियान के लिए बड़े स्‍तर पर तैयारी की है। प्रदेश की लगभग 80 हजार सरकारी राशन दुकानों तक खाद्यान्न पहुँचाने के साथ कोविड प्रोटोकॉल के पालन के भी निर्देश जारी किए गए हैं। खाद्यान्न वितरण में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ टोकन सिस्टम लागू किया जा रहा है, ताकि भीड़ जुटने से रोका जा सके। राज्‍य सरकार ने हर राशन दुकान पर सेनेटाइर, साबुन और पानी की उपलब्‍धता अनिवार्य की है। ई पास मशीनों के इस्तेमाल से पहले सैनिटाइजेशन जरूरी होगा। एक दुकान पर एक समय में अधिकतम 5 उपभोक्‍ता ही मौजूद रह सकेंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने नई सूचना सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों को भेज दी है। निर्णय के अनुपालन में सभी राशन कार्ड धारकों को 03 माह (जून, जुलाई एवं अगस्त, 2021 ) का राशन नि:शुल्क दिया जाना है। भारत सरकार द्वारा निर्गत SDRF की गाइडलाइन के अन्तर्गत उक्त व्यय अनुमन्य नहीं है।

वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में खाद्य एवं रसद विभाग को पहले ही अतिरिक्त बजट आवंटित किया जा चुका है। ऐसे में सभी राशन कार्ड धारकों को नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण खाद्य एवं रसद विभाग को आवंटित विभागीय बजट से किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2021-22 में वितरण की प्रक्रिया के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा अलग से जारी किए जाएँगे।

गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार ने पात्र कार्ड धारकों को 8 महीने तक मुफ्त राशन वितरण किया था। 5 किलो खाद्यान्‍न प्रति यूनिट की दर से राज्‍य सरकार ने सरकारी दुकानों से पिछले साल अप्रैल से नवंबर तक 60 लाख मी. टन खाद्यान्न का मुफ्त वितरण किया था, जो कि देश में एक रिकार्ड है।

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का पूरा खर्च उठाएगी योगी सरकार

वहीं कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के कारण जो बच्चे अनाथ और निराश्रित हो गए हैं, उनके लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नई नीति लाने वाली है। राज्य सरकार ने बुधवार (मई 19, 2021) को यह फैसला लिया। उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि ऐसे बच्चे जो अनाथ और निराश्रित हो गए हैं, वह राज्य की संपत्ति हैं।

सरकारी योजना के तहत कोरोना वायरस के कारण जिन बच्चों के माता-पिता की मौत हो गई है, उनके भरण-पोषण सहित सभी तरह की जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई जाएगी। राज्य सरकार जल्द ही इस योजना के तहत बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाएगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग को इस संबंध में तत्काल विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जैसे ही महिला एवं बाल विकास विभाग कार्ययोजना तैयार की जाएगी, वैसे ही इसे लागू करने का भी कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया