मुस्लिम प्रोफेसर के संपर्क में आकर MBA पास ऋचा बनी माहीन अली, लौटकर घर नहीं आई: सैलरी से मस्जिद को देती है ₹75000

प्रतीकात्मक तस्वीर

धर्मांतरण रैकेट के सामने आने के बाद पूरे यूपी भर से हैरान करने वाली बातें निकलकर सामने आ रही हैं। धर्मांतरण मामले में जारी हुई लिस्ट में ऋचा देवी का भी नाम दर्ज है। बताया जाता है कि 2018 में 33 महिलाओं ने धर्मांतरण किया। इन्हें ‘शाइनिंग स्टार्स’ का नाम दिया गया था। घाटमपुर की 26 वर्षीय ऋचा ने कानपुर और प्रयागराज से पढ़ाई की। सिविल सर्विसेज की तैयारी के दौरान वह एक मुस्लिम प्रोफेसर के संपर्क में आई और उसने अपना धर्म बदल दिया। नया नाम रखा गया माहीन अली। 

ऋचा उर्फ माहीन एक कंपनी में जॉब करती है और परिवार से अलग नोएडा में रहती है। गुरुवार (जून 24, 2021) को एटीएस छात्रा के घर पहुँच कर जानकारी जुटाई। परिजनों के मुताबिक जब से ऋचा ने इस्लाम अपनाया है तब से वो घर नहीं आई है। परिजनों का कहना है कि अगर अब लौटकर आई भी तो स्वीकार नहीं करेंगे।

जानकारी के मुताबिक ऋचा को इस तरह से मोटिवेट किया गया कि उसने परिवार से हर रिश्ता तोड़ दिया और हर महीने मिलने वाली सैलरी से 75,000 रुपए मस्जिद में दान करती है। उसने परिजनों के मोबाइल नंबरों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। इतना ही नहीं उसने सोशल मीडिया पर भी परिवार और रिश्तेदारों को ब्लॉक कर दिया है। इसके चलते उसका हाल खबर भी परिजनों को नहीं मिल पाता है। उसका मोबाइल नंबर और नोएडा में कहाँ रहती है यह जानकारी परिजनों ने एटीएस से साझा की है।

मुस्लिम धर्म अपनाने वाली ऋचा अब ट्रेनर बन गई है। अब वह खुद छात्राओं और महिलाओं को धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रही है। इस संबंध में भी जाँच एजेंसियों को कई अहम सबूत मिले हैं।

इसके अलावा बताया जा रहा है कि आरोपित उमर गौतम, भगोड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक से भी मिल चुका है। ये भी कहा जा रहा कि उमर, जाकिर के करीबी सहयोगियों में से एक है। उमर को विदेशों से फंडिंग होती थी और इनके आतंकी संगठन से भी संबंध हैं।

धर्मांतरण के दोनों आरोपित इस वक्त पुलिस की रिमांड पर हैं और उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। आरोप है कि इन दोनों आरोपितों ने एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया है। एटीएस के मुताबिक, उमर और जहाँगीर न सिर्फ लालच, बल्कि डरा-धमका कर भी धर्म परिवर्तित करवाते थे।

गौरतलब है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा में ए़टीएस की टीम ने धर्मान्तरण कराने वाले दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया। इसमें से एक उमर गौतम पहले हिंदू ही था। वह करीब 30 साल पहले धर्मान्तरण कर मुस्लिम बन गया था। इसके बाद से ही वह दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इस्लामिक दावा सेंटर चला रहा था। यहीं से धर्मान्तरण का सारा खेल खेला जाता है।

गिरफ्तार किए गए मोहम्मद उमर गौतम को लेकर फतेहपुर के एक स्कूल में अंग्रेजी की टीचर रही कल्पना सिंह ने खुलासा करते हुए बताया था कि उन पर भी धर्मांतरण का दबाव बनाया गया था। हिंदू बच्चों को उर्दू और अरबी पढ़ाने का विरोध करने पर उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था।

फतेहपुर की कल्पना सिंह के अनुसार वह नूरुल हुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल अंग्रेजी की टीचर थीं। उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में भी उमर गौतम का आना-जाना लगा रहता था। फरवरी 2020 में भी वह स्कूल आया था। उसके साथ 20-25 अन्य मौलाना भी थे। उन मौलानाओं ने कल्पना पर भी धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया