‘बच्चों पर की पत्थरबाजी, फेंके बम’: वड़ोदरा में दिवाली की रात हिंसा से पहले बंद कर दी थी स्ट्रीट लाइट्स, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया – दंगे की थी साजिश

वडोदरा में द‍िवाली की रात हुई हिंसा(फोटो क्रेडिट-आजतक

देश में दिवाली के बाद से ही कई जगहों से हिंदुओं पर हमले की खबर सामने आ रही है। गुजरात के वडोदरा से भी दिवाली (24 अक्टूबर, 2022) की रात पटाखा फोड़ रहे बच्चों पर पथराव किया गया और पेट्रोल बम फेंके गए। प्रत्‍यक्षदर्शियों ने उस रात के भयानक मंजर को बयाँ किया है, जिसमें उनका साफ कहना है कि घटना की साजिश पहले से रच ली गई थी।

प्रत्‍यक्षदर्शियों में से एक मह‍िला ने रिपब्लिक टीवी को बताया , “ये बच्चे, वे पटाखे जला रहे थे और अचानक स्ट्रीट लाइट बंद हो गई। एक तरफ से पत्थर और पेट्रोल बम फेंके गए।”

यह पूछे जाने पर की क्‍या हमलावर आपके घर तक आ गए थे, महिला ने कहा, “वे (हमलावर) यहाँ तक ​​आए, ये मेरा घर है। आप दीवारों पर निशान देख सकते हैं। मैं यहाँ अकेली रहती हूँ, लेकिन सौभाग्य से, उस दिन मेरे सभी रिश्तेदार यहाँ थे। वे दौड़ते हुए आए। मुझे बचाने के लिए उन्हें (रिश्तेदारों को) आना पड़ा। 10-15 लोगों ने डेयर‍िंग (हिम्मत) द‍िखाई और उनका विरोध किया। ये उनलोगों की प्‍लानिंग थी। जैसे ही स्‍ट्रीट लाइट बंद हुआ, उन्होंने पथराव चालू कर द‍िया।”

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने आगे बताया, “दो-चार बच्‍चे म्‍यूजिक लगाकर डांस कर रहे थे और कुछ बच्‍चे पटाखे फोड़ रहे थे। फ‍िर उन्होंने एकदम से पेट्रोल बम फेंकना शुरू कर द‍िया। हमलोग को लगा क‍ि यह बम नहीं हो सकता, कुछ और है। फ‍िर हम सभी वहाँ देखने गए तो उनलोगों ने पथराव शुरू कर दिया। उनलोगों ने पूरी तरह से इसकी प्लानिंग की थी। उन्होंने यहाँ लोगों को भड़काने और इसे दंगे में बदलने की योजना बनाई थी। दीवाली के त्योहार में पूरा इलाका पिछले तीन दिनों से भरा हुआ था, जाम लगा हुआ था।”

इस घटना के वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पेट्रोल बम पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे DCP यशपाल जगानिया के पैरों के पास गिरा। इस हमले में DCP बाल-बाल बचे। सबसे अधिक हिंसा ‘मुस्लिम मेडिकल सेंटर’ के पास होना बताया जा रहा है। इस इलाके में कई वाहनों में भी आगजनी की भी खबर सामने आई है।

पुलिस के मुताबिक, हिंसा से पहले स्ट्रीट लाइट को साजिशन बंद कर दिया गया था। गिरफ्तार आरोपितों में पुलिस पर पेट्रोल बम फेंकने वाला भी शामिल बताया जा रहा है। उस पर तीसरी मंजिल से पुलिस पर पेट्रोल बम फेंकने का आरोप है। DCP यशपाल जगानिया के अनुसार, “हिंसा में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।” पानीगेट थाने के इंस्पेक्टर के के कमवाना के मुताबिक, “विवाद तब शुरू हुआ जब दीवाली को छोड़े गए एक रॉकेट से एक बाईक में आग लग गई थी।” वडोदरा के पुलिस कमिश्नर ने इस हिंसा को गलतफहमी में हुआ विवाद बताया है।

हालाँकि, बाद में पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 19 लोगों को हिरासत में लिया

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया