‘शांति रैली’ के नाम पर तृणमूल नेताओं ने हावड़ा के रेड जोन में भीड़ जुटाकर किया लॉकडाउन का उल्लंघन, BJP ने उठाए सवाल

तृणमूल नेताओं ने हावड़ा में निकाली 'शांति रैली', लॉकडाउन का उल्लंघन कर शामिल हुए सैकड़ों लोग

देश में जारी लॉकडाउन के बीच सभी प्रकार के कार्यक्रमों पर रोक है, लेकिन इसके बाद भी पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए ‘शांति रैली’ का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेताओं ने हिस्सा लिया। इतना ही नहीं रैली में सोशल डिस्टेंसिंग की सरेआम धज्जियाँ उड़ाई गई। अब इसे लेकर बीजेपी ने ममता सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।

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दरअसल, हावड़ा शहर के टिकियापाड़ा क्षेत्र में रविवार(3 मई, 2020) को शहर के सहायक पुलिस आयुक्त आलोक दास के नेतृत्व में ‘शांति रैली’ का आयोजिन किया गया। इस रैली में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए सैकड़ों की संख्या में तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेताओं ने हिस्सा लिया। इतना ही नहीं रेड जोन इलाके में निकाली गई इस ‘शांति रैली’ में पुलिस अधिकारियों के साथ टीएमसी के नेताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियाँ उधेड़ी।

इस आयोजन के बाद रैली की वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर आई वीडियो में आप देख सकते हैं कि मुँह पर मास्क लगाए सैकड़ों लोग बंद बाजार के बीच से जिंदाबाद के नारे लगाते हुए निकल रहे हैं। इस दौरान रैली पर कुछ लोग खिड़कियों से पुष्प वर्षा भी करने में लगे हुए हैं। पुष्प वर्षा के साथ कुछ लोगों को तालियाँ भी बजाते हुए देखा जा सकता है।

कार्यक्रम की योजना का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि रैली के रुट को पहले ही निर्धारित कर लिया गया था।

अब इसे लेकर बंगाल बीजेपी ने ममता सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ‘शांति रैली’ का वीडियो ट्वीट किया है। ट्वीट में लिखा है कि पश्चिम बंगाल पुलिस हावड़ा के टिकियापाड़ा में रेड जोन का मजाक बना रही है! अगर संवेदनशील इलाकों में पुलिस इस तरह से लॉकडाउन के नियमों का पालन करा रही है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बंगाल के बाकी हिस्सों में क्या हो रहा है।

क्या ममता बनर्जी सरकार ने अपनी सभी जिम्मेदारियों से किनारा कर लिया है?

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गौरतलब है कि मंगलवार (अप्रैल 28, 2020) को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में लॉकडाउन का पालन करवाने गई पुलिस के ऊपर हमला किया गया था। इस दौरान अराजक तत्वों ने पुलिस की गाड़ी में भी जमकर तोड़फोड़ की थी। इतना ही नहीं बेकाबू और आक्रामक भीड़ को काबू करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स को बुलाना पड़ा था।

वहीं पिछले कई दिनों से ममता और केन्द्र सरकार के बीच कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इससे पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवार (2 मई, 2020) को बंगाल की ममता सरकार पर कोरोना संक्रमण के आँकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया था। अपने आरोप में राज्यपाल ने कहा था कि 30 अप्रैल तक ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या हेल्थ बुलेटिन में 572, जबकि उसी समय में केन्द्र सरकार को 931 बताई है।

इसे लेकर प्रदेश के राज्यपाल जगदीप घनखड़ ने ममता सरकार पर सवाल खड़े किए था। साथ ही आँकड़ों पर पर्दा डालने का आरोप लगाता हुए कहा था कि ममता राज्य वासियों तथा केंद्र सरकार को अलग-अलग जानकारी दे रही हैं। अपने दो ट्वीट में राज्यपाल ने लिखा, कोविड-19 संक्रमण के आँकड़ों पर पर्दा डालने के अभियान को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंद करना चाहिए। इसे पारदर्शी रूप से साझा करें।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया