Tuesday, April 16, 2024
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पश्चिम बंगाल: जनता को बताया 572 मामले, केंद्र को बताया 931, CM ममता के कोरोना गणित से राज्यपाल धनखड़ नाराज़

राज्यपाल ने ट्वीट करके राज्य सरकार के हेल्थ बुलेटिन और केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठियों को साझा किया है। राज्यपाल के आरोपों के मुताबिक, ममता सरकार ने 30 अप्रैल तक कोरोना मरीजों की संख्या हेल्थ बुलेटिन 572, जबकि उसी दिन केन्द्र सरकार को स्वास्थ्य सचिव द्वारा भेजी गई चिट्ठी में राज्य के अंदर कोरोना मरीजों की संख्या 931 बताई गई है।

एक बार फिर पश्चिम बंगाल की सरकार कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर सवालों से घिर गई है। इस बार ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या हेल्थ बुलेटिन में 572, जबकि उसी समय में केन्द्र सरकार को 931 बताई है। इसे लेकर प्रदेश के राज्यपाल जगदीप घनखड़ ने ममता सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही ममता सरकार पर एक बार फिर सही आँकड़ों को छिपाने के आरोप लगाए हैं।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवार (2 मई, 2020) को इस पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि बंगाल सरकार कोरोना संक्रमण के आँकड़ों पर पर्दा डाल रही है और राज्य वासियों तथा केंद्र सरकार को अलग-अलग जानकारी दे रही हैं। अपने दो ट्वीट में राज्यपाल ने लिखा, कोविड-19 संक्रमण के आँकड़ों पर पर्दा डालने के अभियान को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंद करना चाहिए। इसे पारदर्शी रूप से साझा करें।

राज्यपाल ने ट्वीट करके राज्य सरकार के हेल्थ बुलेटिन और केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठियों को साझा किया है। राज्यपाल के आरोपों के मुताबिक, ममता सरकार ने 30 अप्रैल तक कोरोना मरीजों की संख्या हेल्थ बुलेटिन 572, जबकि उसी दिन केन्द्र सरकार को स्वास्थ्य सचिव द्वारा भेजी गई चिट्ठी में राज्य के अंदर कोरोना मरीजों की संख्या 931 बताई गई है।

राज्यपाल जगदीप घनखड़ द्वारा ट्वीट की गई चिट्ठी में आप देख सकते हैं कि हेल्थ बुलेटिन में सरकार इस बात का दावा कर रही है कि बंगाल में 30 अप्रैल तक कोरोना पॉजिटिव मामले 572 हैं।

राज्यपाल द्वारा ट्वीट किया गया पत्र

वहीं ट्वीट में केन्द्र सरकार को लिखी गई चिट्ठी में आप देख सकते हैं कि पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य ने केंद्र सरकार को राज्य में 30 अप्रैल तक कोरोनो मरीजों की संख्या 931 बताई है। साथ ही विस्तार से राज्य के ग्रीन, ओरेंज और रेज जोन में आने वाले जिलों के नाम भी दिए गए हैं। इसे लेकर ही राज्यपाल ने ममता बनर्जी को पारदर्शिता बरतने की नसीहत दी है। राज्यपाल ने सवाल करते हुए लिखा कि आखिर आँकड़ों में यह विषमता क्यों है? यह सामंजस्य नहीं होने का परिणाम है।

राज्यपाल द्वारा ट्वीट किया गया केन्द्र सरकार को लिखा पत्र

आपको बता दें कि इससे पहले भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। राज्यपाल ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि निःशुल्क राशन गरीबों के लिए हैं, तिजोरियों में बंद करने के लिए नहीं है। धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

धनखड़ ने कहा था कि बंगाल में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर विचार होना चाहिए। दरअसल, बंगाल के कई इलाकों में मुफ्त राशन वितरण में भारी अनियमितताएँ बरते जाने की खबरें सामने आई थीं। इतना ही नहीं पहले भी ममता सरकार पर कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर सवाल उठते रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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