BJP नेता को घर में घुस कर मार दी गोली, पश्चिम बंगाल में दिन-दहाड़े हुई हत्या: पार्टी बोली – TMC के गुंडों की करतूत

मृत भाजपा नेता प्रशांत बसुनिया (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में दो अज्ञात हमलावरों ने भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक भाजपा नेता प्रशांत बसुनिया कूचबिहार के दिनहाटा क्षेत्र में भाजपा की स्थानीय समिति के महासचिव थे। भाजपा ने इस हत्या में टीएमसी के लोगों के शामिल होने का आरोप लगाया।

मृत भाजपा नेता प्रशांत बसुनिया के परिजनों ने पुलिस को बताया है कि बसुनिया गुरुवार (1 जून 2023) दोपहर अपने घर में भोजन करने जा रहे थे। तभी दो लोगों ने घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी। हमले के बाद आनन-फानन में घरवाले उन्हें दिनहाटा के सरकारी अस्पताल लेकर पहुँचे। जहाँ जाँच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस का कहना है कि प्रशांत बसुनिया की माँ ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि वह दो हमलावरों में से एक को पहचान सकती हैं। यही नहीं, बसुनिया की माँ का दावा है कि वह हमलावर को पहले भी देख चुकीं हैं। स्थानीय दिनहाटा थाने के एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा है कि गए प्रशांत बसुनिया के पड़ोसियों और परिवार वालों से पूछकर आरोपितों की पहचान करने में जुटे हुए हैं।

भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि दिनहाटा में टीएमसी के सैकड़ों सदस्य भाजपा में शामिल हो रहे हैं। पार्टी नेताओं के सामूहिक इस्तीफे से टीएमसी इतनी नाराज थी कि उसने नृशंस हत्या को अंजाम दिया। उन्होंने आगे कहा है, “मैं इस घटना की सीबीआई जाँच की माँग करता हूँ। पुलिस द्वारा की गई जाँच को सत्ता में बैठे प्रभावशाली लोग प्रभावित कर सकते हैं।”

पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने भी दावा किया कि बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) द्वारा भेजे गए आरोपितों ने प्रशांत बसुनिया की हत्या की है। उन्होंने कहा है, “यह एक राजनीतिक हत्या है। पंचायत चुनाव से पहले भाजपा के संगठन को कमजोर करने के लिए प्रशांत बसुनिया को निशाना बनाया गया। राजनीति का अपराधीकरण करना TMC की उपलब्धि है।”

वहीं, दिनहाटा सीट से TMC विधायक उदयन गुहा भाजपा के आरोपों को खारिज करते नजर आए। उन्होंने कहा “अपराध का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस मामले की जाँच कर रही है जल्द ही सच्चाई सामने आएगी। बसुनिया का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है।” इसके अलावा, टीएमसी जिलाध्यक्ष प्रतापब्रतीम रॉय ने भी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि टीएमसी हिंसा और हत्या की राजनीति में विश्वास नहीं करती है।

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का एक लंबा इतिहास रहा है। बंगाल में भाजपा नेता व पार्टी समर्थकों के साथ हुई हिंसा की लंबी लिस्ट है। इसमें, हत्या लेकर बलात्कार तक की घटनाएँ शामिल हैं। साल 2021 के विधानसभा चुनाव में TMC ने 292 में से 213 सीटें जीतीं थी। वहीं BJP के खाते में 77 सीटें गई थीं। इस जीत के बाद, तृणमूल कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं बल्कि सीपीएम और कॉन्ग्रेस समेत राजनीति विरोधियों के खिलाफ हिंसा की थी।


जीत के जश्न में डूबे TMC कार्यकर्ताओं ने भाजपा के कई कार्यकर्ताओं की बेरहमी से हत्या कर दी थी। ऐसे ही TMC के ‘गुंडों’ ने बीजेपी नेता अविजीत सरकार और उनके कुत्तों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में 693 हिंसक घटनाएं हुईं थीं। इस दौरान 11 लोगों की मौत भी हुई। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद 1 जून से 31 दिसंबर, 2019 के बीच राजनीतिक हिंसा के 852 मामले सामने आए। इस दौरान 61 लोगों की हत्या हो गई। इसी तरह, जनवरी 2021 पहले सप्ताह में 23 हिंसक घटनाएँ हुईं। इसमें 43 लोग घायल हुए। वहीं, साल 2020 में कुल 663 राजनीतिक हिंसक घटनाएँ हुईं। इसमें 57 लोगों की मौत हो गई।  

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया