राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने इसे जल्दबाजी में तैयार और त्रुटिपूर्ण बताया। हरिवंश ने कहा कि प्रस्ताव में उपराष्ट्रपति के नाम की स्पेलिंग गलत थी, पता भी नहीं लिखा था। यही वहीं, संबंधित दस्तावेज भी संलग्न नहीं थे और यह मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित था।
राज्यसभा के उप सभापति डॉ हरिवंश ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 90(सी) के तहत प्रस्ताव लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। लेकिन संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, जिससे यह नोटिस स्वीकार्य नहीं था। हरिवंश ने इसे उपराष्ट्रपति की छवि धूमिल करने की कोशिश बताया।
विपक्ष ने धनखड़ पर सदन में पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया था। कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश समेत 60 सांसदों ने इस नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे। विपक्ष का कहना है कि उन्होंने केवल अपने अपमान के खिलाफ आवाज उठाई है। हालाँकि, हरिवंश ने इस नोटिस को संविधान और प्रक्रियाओं के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया।