इस्लाम के नाम पर हिंदू का गला काटा, सेकुलर मीडिया ने नुपूर शर्मा-टेलर-कस्टमर की आड़ में मजहबी आतंक के खतरों को छिपाया

इस्लाम के नाम पर हिंदू का गला काटा, सेकुलर मीडिया ने नुपूर शर्मा-टेलर-कस्टमर की आड़ में मजहबी आतंक के खतरों को छिपाया

राजस्थान के उदयपुर जिले के धानमंडी थानाक्षेत्र में मंगलवार (28 जून, 2022) को दर्जी कन्हैयालाल तेली की दिनदहाड़े गला काटकर हत्या कर दी गई। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना के वीडियो में हत्यारा मोहम्मद रियाज अंसारी उन पर धारदार हथियार से हमला करते हुए दिखाई दे रहा है। वारदात के बाद एक दूसरा वीडियो जारी करके हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए अपने गुनाह खुद कबूल रहा है और साथ ही प्रधानमत्री मोदी और नूपुर शर्मा की भी गर्दन काटकर हत्या की धमकी दे रहा है लेकिन तथाकथित सेक्युलर-लिबरल मेन स्ट्रीम मीडिया का एक धड़ा हत्या और हत्यारे के कबूलनामें का वीडियो होते हुए भी उसके गुनाहों को छिपाने या कमतर दिखाने में लगा है जिसे हम आज के न्यूज़ पेपर में हुए कवरेज में देख सकते हैं।

किसी ने कहीं कोने में जगह दी तो कोई हैडलाइन में ही खेल कर हत्यारों और उनके मजहब को छिपाता रहा। जैसे यह कोई वीभत्स घटना न होकर कोई मामूली अपराध हो। इस जघन्य हत्या को कवर करते हुए हिंदुस्तान टाइम्स लिखता है, “Hindu Tailor Murderd in gruesome hate crime.” अर्थात “जघन्य हेट क्राइम में हिंदू दर्जी की हत्या”- बाकी किसने की, क्यों की? वो सब गायब या अंदर छोटे में है जिसे खोजकर पढ़ना हो पढ़े।

वहीं राजस्थान पत्रिका लिखता है, “उदयपुर में दरिंदों ने दिनदिहाड़े काट डाली गर्दन, पुलिस और प्रशासन सोते रहे! दैनिक जागरण लिखता है, “उदयपुर में बर्बरता, नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर दिनदहाड़े काटा गला”, हिंदुस्तान लिखता है, “नूपुर शर्मा समर्थक का गला रेता” इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस हो या ओडिशा पोस्ट सबने या तो सिंपल टेलर की हत्या लिखा या उसे हेट क्राइम से जोड़ते हुए कहीं न कहीं नूपुर शर्मा और उनके तथाकथित समर्थन में लगाए गए व्हाट्सप्प स्टेटस को ही सबसे बड़ा गुनाह साबित करने की कोशिश की।

जबकि यह बात भी सामने आ चुकी है कि पोस्ट कन्हैयालाल के 8 साल के मासूम बच्चे ने शेयर किया था जिसे उसका अर्थ भी पता नहीं होगा और किसी की बात का समर्थन करना जो पहले से ही इस्लामी हदीसों में लिखा गया है गुनाह कैसे हो गया? लेकिन मेन स्ट्रीम मीडिया में किसी ने भी हैडलाइन में न हत्यारों का नाम लिखा न यह पता लगने दिया कि वह किस मजहब का है।

यहाँ आगे बढ़ने से पहले एक बार यह याद कर लीजिए कि इस्लामी हत्यारों ने मजहबी नारे लगाते हुए न सिर्फ कल वारदात और उसके बाद का वीडियो रिलीज कर उसके बारे में मुस्कराते हुए बताया बल्कि करीब 10 दिन पहले 17 जून को ही वीडियो रिलीज कर वह कन्हैयालाल की गर्दन काटकर हत्या की धमकी दे चुका है। लेकिन, पुलिस सुरक्षा देने की बजाय इसे नजरअंदाज करती रही। जबकि जिस पोस्ट पर इन इस्लामी हत्यारों ने उसकी हत्या की वह भी कन्हैयालाल के 8 वर्षीय मासूम बच्चे ने गलती से किया था। यह बात भी वो कई बार प्रशासन से बता चुके थे। क्योंकि कन्हैयालाल खुद कायदे से लिखना-पढ़ना भी नहीं जानते थे। न उन्हें हाल ही में ख़रीदे गए स्मार्टफोन की कोई खास समझ थी। यह बात कई मीडिया रिपोर्टों में सामने आई है।

जबकि कई इंग्लिश न्यूज़ पेपर जिन गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अंसारी जैसे हत्यारों को हैडलाइन में कोई कस्टमर तो कोई बदमाश लिखकर उनकी असली पहचान छिपा रहा है। जबकि वो खुद ही हत्या के समय और बाद में तलवार पर खून और चेहरे पर हँसी के साथ वीडियो में कहता है, ”मैं मोहम्मद रियाज अंसारी और ये हमारे गौस मोहम्मद भाई, उदयपुर के अंदर जो माता स्टेट वाला है उसका सर कलम कर दिया है।” आगे मजहबी नारा लगाते हुए कहता है, ”हम जिएँगे आपके लिए और मरेंगे आपके लिए।”

हमलवार आगे पीएम मोदी की गर्दन काटने और नूपुर शर्मा को धमकी देते हुए कहता है, ”ये नरेंद्र मोदी सुन ले, आग तूने लगाई है और बुझाएँगे हम, इंसाअल्लाह मैं रब से दुआ करता हूँ कि यह छुरा तेरी गर्दन तक भी जरूर पहुँचेगा। और उस कुति** तक भी पहुँचेगा। उदयपुर वालों नारा लगाओ गुस्ताखे नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा। दुआओं में याद रखना।”

लेकिन ऐसे दरिंदे हत्यारे हमारे तथाकथित सेक्युलर न्यूज़पेपर को मासूम, भटके हुए, बदमाश या सामान्य सा शब्द कस्टमर नजर आ रहे हैं। जबकि हत्यारा वारदात के 10 दिन पहले ही खुलेआम सिर तन से जुदा की धमकी देते हुए नजर आ रहा है।

10 दिन पुराने वीडियो में वह कह रहा है, “मैं मोहम्मद रियाज अंसारी राजस्थान के उदयपुर, खांजीपीर से, ये वीडियो में जुम्मे के दिन बना रहा हूँ। माशाल्लाह और 17 तारीख है। मैं इस वीडियो को उस दिन वायरल ​करूँगा, जिस दिन अल्लाह की शान में गुस्ताखी करने वाला का सिर कलम कर दूँगा। आपको एक मैसेज देता हूँ रियाज ने सिर कलम करने की शुरुआत तो कर दी है। बाकी के जो बचे हैं उन सभी का सिर आपको कलम करना है। इस बात का ध्यान रखना।”

उसने आगे कहा, “ये चिंता मत करना मेरे भाई कि तुम्हारी फैमिली का क्या होगा, कारोबार का क्या होगा। मेरी भी फैमिली है। मैं भी नौकरी करता हूँ, लेकिन मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है। क्योंकि मैं अपने रसूले पाक के लिए जी रहा हूँ। मेरा सब कुछ आप पर कुर्बान रसूल अल्लाह।”

अभी आपने जो पढ़ा यह उस वीडियो में कही गई बातों का बहुत छोटा सा हिस्सा है। वह जिस तरह से नूपुर शर्मा और उनका समर्थन करने वालों की गर्दन कलम करने की खुलेआम धमकी दे रहा है वह कोई मामूली या सामान्य अपराध की बात नहीं है। यहाँ तक कि अब घटना की भयावहता का अंदाजा कन्हैयालाल के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी लगाया जा सकता है जिसमें उनके शरीर पर 26 निशान मिले हैं, जिसमें से 8 से 10 बार गर्दन पर ही वार किया गया है। वहीं पीएम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कन्हैया का गला रेत कर अलग कर दिया गया था।

अब ऐसे में यह आपको सोचना है कि जितने गुनहगार ऐसे जघन्य वारदात करने वाले इस्लामी हत्यारे हैं उतने ही उन्हें बचाने वाले या उनके क्रूरतम अपराधों पर पर्दा डालने वाले ये मीडिया गिरोह के लोग भी। जो हर हाल में इस्लामी हत्यारों के बचाव में कूद पड़ते हैं। ऐसे ही कल लिबरलों और इस्लामी कट्टरपंथियों का भी वह चेहरा सामने आया था जो कन्हैयालाल की हत्या पर हाहाहा रिएक्ट करके अपनी ख़ुशी का इजहार कर रहा था।

रवि अग्रहरि: अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है! बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!