आत्मनिर्भर प्रदेश से हासिल होगा आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य, टूटेगी चीन की कमर: वॉलेट से साजिशों को जवाब देने का अभियान

मोदी का आत्मनिर्भर भारत अभियान चीन की कमर तोड़ने में सक्षम

कोविड महामारी देकर संसार को आर्थिक व सामाजिक रूप से संकट में डालने और एक प्रकार का जैविक युद्ध प्रारंभ करने वाले चीन को सबक सिखाने के लिए विश्व तैयार बैठा है और इसमें भारत की भूमिका निश्चित ही महत्वपूर्ण होगी।

इस संबंध में भारत की भूमिका दोहरी है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आह्वान किया है कि इस संकट को अवसर में परिवर्तित किया जा सकता है। भारत इसे आत्मनिर्भरता का अवसर बना सकता है और जनता के सहयोग से वॉलेट के माध्यम से भारत के विरुद्ध चीन के षड्यंत्र व शत्रुता को समुचित प्रत्युत्तर दे सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज देकर आत्मनिर्भर भारत का जो अभियान प्रारंभ किया है, उसकी सफलता भारत की रणनीतिक विजय का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। इस अभियान के लिए मोदी सरकार ने अनेक कार्यक्रम शुरू किए।

नीतिपरक कार्यक्रमों व योजनाओं में बदलाव के साथ ही हाल ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गाँवों में स्थायी बुनियादी ढाँचा तैयार करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया। यह अभियान देश के 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों तक प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में चलेगा।

इस अभियान के लिए केंद्र सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए के निधि की व्यवस्था की है। इस योजना के अंतर्गत 25 सरकारी कार्यों को सूचीबद्ध किया गया है। श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार संबंधित कार्य में रोजगार दिया जाएगा।

यह महत्वाकांक्षी योजना कोविड महामारी से उपजी स्थिति में विभिन्न राज्यों से गृह प्रदेश वापस लौटे 30 लाख प्रवासी श्रमिकों के लिए ही नहीं, वरन् प्रदेश में ही श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने वाली उल्लेखनीय कार्ययोजना सिद्ध होगी।

केंद्र की इस योजना में उत्तर प्रदेश के 31 जनपद सम्मिलित किए गए हैं। इसी के साथ आज प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश अभियान का प्रारंभ किया।

अभियान के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 1.25 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करके नया रिकॉर्ड बनाने के लक्ष्य पर चल पड़े हैं। एक ही दिन एक करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा। प्रदेश में उत्पादन बढ़ाकर आत्मनिर्भर भारत अभियान में योगदान देने के लिये 1.11 लाख लघु व मध्यम उद्यम इकाइयों के 3.51 लाख उद्यमियों को ऋण भी दिया गया, जो प्रदेश की औद्योगिक उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार सृजन भी करेगा।

उल्लेखनीय है कि जनसंख्या के आधार पर देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य की घोषणा और इसकी सफलता की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। मानव संसाधन की प्रचुरता उत्तर प्रदेश के विकास के साथ ही देश की आत्मनिर्भरता में गति पकड़ने में वरदान सिद्ध हो सकता है।

कोविद महामारी के बाद बदली परिस्थितियों को अवसर मानते हुए इस दिशा में समग्र नीति व योजना बनाई गई है। प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के साथ ही स्किल मैपिंग का काम कराना शुरू कर दिया गया था। आज राज्य सरकार के पास 36 लाख प्रवासी कामगारों का पूरा डेटा बैंक मैपिंग के साथ तैयार है।

आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान प्रदेश में औद्योगिक व अन्य संगठनों के साथ साझेदारी बनाते हुए भारत सरकार और यूपी सरकार के विस्तृत कार्यक्रमों का भाग है। इस अभियान में रोजगार के अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जाएगा।

कुल मिलाकर केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अभियान और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान को समग्रता में देखा जाए और इस संबंध में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों का विश्लेषण किया जाए तो पता चलता है कि इससे तीन मोर्चों पर सफलता मिल सकती है।

एक तो देश में उत्पादन की आत्मनिर्भरता, भारतीय उद्यमियों के उत्पादों के निर्यात को वैश्विक बाजार में मजबूत स्थिति में लाने तथा देश में स्थानीय स्तर पर उद्यमशीलता व रोजगार के अवसर बढ़ाकर स्थानीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ाने के लक्ष्य की पूर्ति एक साथ होगी।

मोदी सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने की दिशा में सरकारी ई-मार्केट प्लेस (जीईएम) पर सामान बेचने वाली कंपनियों को अब अपने सभी नए उत्पादों को पंजीकृत कराते वक्त उसे बनाने वाले देश या कंट्री ऑफ ओरिजिन के बारे में जानकारी देना अनिवार्य करना इसी लक्ष्य का भाग है।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, जिन विक्रेताओं ने जीईएम पर इस नए फीचर के लागू होने से पहले अपने उत्पाद अपलोड किए हैं, उन्हें भी कंट्री ऑफ ओरिजिन को अपडेट करना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके उत्पादों को जीईएम से हटा दिया जाएगा।

जीईएम ने उत्पादों में स्थानीय निर्माण वाले उत्पाद का भाग का संकेत देने के लिए भी प्रावधान किया है। इसके साथ ही अब पोर्टल पर मेक इंन इंडिया फिल्टर एक्टिव कर दिया गया है। क्रेता यदि भारतीय वस्तु ही क्रय करना चाहे तो इसमें उसे केवल केवल वही उत्पाद दिखेगा, जो भारत में बना हुआ है। यदि क्रेता चाहे तो सरकारी ई-मार्केट प्लेस से केवल उन्हीं उत्पादों की खरीद कर सकता है, जो कम से कम 50 फीसदी स्थानीय कंटेंट के मानदंड को पूरा करते हैं।

इतना ही नहीं, भारतीय उद्योगों व स्थानीय कच्चा माल के उत्पाद को प्रोत्साहन देने के लिये उत्पाद निर्माण में स्थानीय सामग्री के उपयोग के प्रतिशत को भी अनिवार्य रूप से लिखने का प्रावधान कर दिया है। इससे क्रेता को पता चल सकेगा कि उत्पाद में कितना प्रतिशत भारतीय माल लगा है।

इन सारी योजनाओं का एक साथ विश्लेषण करें तो इस निष्कर्ष पर पहुँचा जा सकता है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में मोदी सरकार मिशनरी मोड में कार्यरत है और यदि उत्तर प्रदेश सरकार की तरह अन्य सभी राज्य भी इसमें मिशन मोड में कार्य करने लगे तो यह देश में भारतीय उद्योग-धंधों के विकास के साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादन को स्थापित कर क्षेत्रीय आर्थिक असंतुलन दूर करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार व व्यापारिक विकास के लक्ष्य को साकार करेगा।

इसके अतिरिक्त आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता भारत को विश्व का आपूर्ति केंद्र बनाने व उत्पादन हब बनाने की संभावना को भी मूर्त रूप प्रदान कर सकती है, जिससे भारत के आर्थिक महाशक्ति बनने का सपना साकार होने के साथ ही वैश्विक बाजार में चीन के उत्पादों पर निर्भरता को कम करके संसार को चीन के कुत्सित मंशा व चालों से बचाने में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योगदान सुनिश्चित किया जा सकता है।

इस अभियान की सफलता वैश्विक संकट काल बीत जाने के बाद भारत 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में गतिशील कदम और इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए मूलभूत संसाधन, सुविधा और आत्मविश्वास की सुदृढ़ता सुनिश्चित कर सकती है।

Harish Chandra Srivastava: Spokesperson of Bharatiya Janata Party, Uttar Pradesh