सर्वे में गुजरात में खिला ‘रिकॉर्ड कमल’: मिशन 150 के करीब दिख रही BJP, कॉन्ग्रेस को तगड़ा नुकसान- AAP का खुल सकता है खाता

पीएम मोदी, सीएम केजरीवाल और राहुल गाँधी (फोटो साभार: आजतक)

गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) के लिए तारीखों का एलान हो चुका है। राज्य में एक और पाँच दिसंबर को मतदान होगा। ऐसे में सामने आए ओपिनियन पोल में सामने आए नतीजों में भाजपा (BJP) की सत्ता में वापसी तय मानी जा रही है। वहीं, कॉन्ग्रेस (Congress) को पछाड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में आ सकती है।

एबीपी न्यूज और सी-वोटर के सर्वे में गुजरात के 56 प्रतिशत लोगों ने सत्ताधारी भाजपा के पक्ष में मतदान किया। वहीं, 20 प्रतिशत लोगों का मानना है कि चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत होगी। सिर्फ 17 प्रतिशत लोगों का कहना है कि कॉन्ग्रेस की जीत होगी। सर्वे में 2 प्रतिशत लोगों का कहना है कि इन पार्टियों को छोड़कर अन्य की जीत हो सकती है। 

सर्वे के अनुसार, सर्वे में शामिल लोगों में से 1 प्रतिशत लोगों ने मानना है कि राज्य में त्रिशंकु सरकार बनेगी। इन सबसे अलग, 4 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी। अक्टूबर महीने में किए गए इस सर्वे में 22,807 लोगों ने हिस्सा लिया है।

ऑपइंडिया (हिंदी) के डिप्टी एडिटर अजीत झा पहले ही अपने चुनावी विश्लेषण में बता चुके हैं, गुजरात में अब जनता भाजपा को सबसे अधिक पसंद करती है और इस विधानसभा चुनाव में भी उसकी वापसी हो सकती है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस जमीनी स्तर पर नदारद दिख रही है, जबकि आम आदमी पार्टी को अभी भी जमीन की तलाश है।

गौरतलब है कि गुजरात में बीजेपी ने इस बार ‘मिशन 150’ का लक्ष्य तय कर रखा है। वैसे यही लक्ष्य पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में भी तय कर रखा था, लेकिन इस लक्ष्य को इस बार हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के दिग्गज नेता जनता को साधने की कोशिश कर रहे हैं।

ऑपइंडिया (गुजराती) के संपादक सिद्धार्थ छाया का मानना है कि पिछले 5 सालों में काफी चीजें बदल गई हैं। इसलिए इस बार सीटों के लिहाज से बीजेपी विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड बना सकती हैं। इसके पीछे उन्होंने भाजपा और कॉन्ग्रेस के बीच मुकाबले में आम आदमी पार्टी की एंट्री बताया।

सिद्धार्थ छाया कहते हैं, “साल 2017 के चुनावों में पाटिदार आंदोलन के बाद कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए बीजेपी ने 150 सीटों का यह लक्ष्य रखा था। अब तक गुजरात में कॉन्ग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है। इस बार उस तरह की स्थिति नहीं है। AAP की मौजूदगी से बीजेपी विरोधी वोटों के बँटने की भी संभावना है और इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा।”

सिद्धार्थ के अनुसार इस चुनाव में AAP की भूमिका ‘वोटकटवा’ की है। वे कहते हैं, “सवाल यह नहीं है कि गुजरात का चुनाव कौन जीतेगा। बीजेपी की जीत तय है। कॉन्ग्रेस का दूसरे नंबर पर रहना भी तय है। सवाल यह है कि कॉन्ग्रेस को AAP कितना नुकसान पहुँचाएगी। यदि नुकसान ज्यादा हुआ तो बीजेपी 150 तक के अपने निर्धारित लक्ष्य तक भी पहुँच सकती है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया