कॉन्ग्रेस सबसे बड़ी जातिवादी, सच बोलो तो बदनाम करती है: इस्तीफे के बाद बरसे हार्दिक पटेल, मोबाइल-चिकन सैंडविच पर फोकस की भी खोल चुके हैं पोल

इस्तीफे के बाद कॉन्ग्रेस पर बरसे हार्दिक पटेल

कॉन्ग्रेस से इस्तीफा देने के बाद गुजरात के नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने देश की सबसे पुरानी पार्टी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने गुरुवार (19 मई 2022) को कहा, “गुजरात में सिर्फ हार्दिक ही नहीं, बल्कि कई नेता कॉन्ग्रेस से नाराज हैं। कॉन्ग्रेस में सच बोलो तो बड़े नेता आपको बदनाम करते हैं। यही उनकी रणनीति है।” इसके साथ ही पटेल ने आरोप लगाया कि कॉन्ग्रेस सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी है।

पाटीदार नेता ने अहमदाबाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गुजरात में चाहे पाटीदार समुदाय हो या कोई अन्य समुदाय, उन्हें कॉन्ग्रेस में भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा, “7-8 लोग 33 साल से कॉन्ग्रेस चला रहे हैं। मेरे जैसे कार्यकर्ता रोजाना 500-600 किमी का सफर तय करते हैं। मैं लोगों के बीच जाकर उनका हाल जानने की कोशिश करता हूँ, तो यहाँ के बड़े नेता एसी चेंबर में बैठकर मेरे इस प्रयास को बाधित करने की कोशिश करते हैं।”

पटेल यही नहीं रुके उन्होंने कॉन्ग्रेस पर एक के बाद एक गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा, “गुजरात में कई नेता और विधायक हैं, जो कॉन्ग्रेस का इस्तेमाल करते हैं। सत्ता में बैठने और पार्टी की प्रशंसा करने का मतलब यह नहीं है कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री बना सकती है।” इसके साथ ही उन्होंने भाजपा में जाने की अटकलों को लेकर कहा कि अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है।

गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले 18 मई को हार्दिक पटेल ने कॉन्ग्रेस से इस्तीफा देकर पार्टी की राज्य इकाई को बड़ा झटका दिया था। पटेल ने ट्विटर पर हिंदी, अंग्रेजी और गुजराती में पत्र साझा करते हुए लिखा था, “आज मैं हिम्मत करके कॉन्ग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूँ कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा।”

अपने बयान में हार्दिक पटेल ने यह भी कहा था कि कॉन्ग्रेस पार्टी देशहित व समाज हित के बिलकुल विपरीत कार्य कर रही है। उन्होंने कॉन्ग्रेस में एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व न होने को लेकर अपनी शिकायत की थी। साथ ही कहा था कि कॉन्ग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति कर रही है जबकि देश के लोग विकल्प चाहते हैं जो उनके भविष्य के लिए सोचता हो। उन्होंने इस्तीफे में कहा था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व गंभीर नहीं है। उनका ध्यान गुजरात की परेशानियों से ज्यादा मोबाइल व बाकी की चीजों पर है। पार्टी के बड़े नेताओं की चिंता होती है कि पार्टी नेतृत्व ने चिकन सैंडविच खाया या नहीं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया