कश्मीरियों पर हो रहा है अत्याचार, नहीं होगा ईद मिलन सेलीब्रेशन, ऐसा इतिहास में पहली बार: AMU

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की टीचर असोसिएशन ने कश्मीर की वर्तमान स्थिति का हवाला देते हुए ऐलान किया है कि उनके यहाँ इस वर्ष ईद-मिलन का कार्यक्रम नहीं आयोजित होगा। दरअसल, यूनिवर्सिटी की टीचर असोसिएशन का मानना है कि कश्मीर की जनता इस समय अप्रत्याशित दमन के दौर से गुजर रही है, तो उनके यहाँ उत्साह कैसे हो सकता है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक टीचर असोसिएशन ने कई मुद्दों पर बात करने के लिए बुधवार (28 अगस्त 2019) को एक मीटिंग रखी थी, जिसमें तमाम विषयों पर विमर्श हुआ। इसमें ईद-मिलन के कार्यक्रम का भी मुद्दा उठा। लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति एकता दिखाने के नाम पर इसे सेलीब्रेट नहीं करने का फैसला लिया गया ।

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार AMUTA के सेक्रेट्री नजमुल इस्लाम ने उनसे बातचीत में बताया कि यूनिवर्सिटी के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब यहाँ पर ईद मिलन के सेलीब्रेशन को रोका गया।

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उनकी मानें तो वे हर साल ईद मिलन, होली मिलन और एएमयू के स्टाफ के लिए वार्षिक भोज का आयोजन करते थे, लेकिन इस वर्ष उन्होंने कश्मीर के लोगों का साथ देने के लिए ईद मिलन का आयोजन नहीं किया।

नजमुल इस्लाम के मुताबिक “सरकार कह रही है, कश्मीर में हालात सुधर रहे हैं, लेकिन हमें अपने सूत्रों से पता चला है कि घाटी में लोग बहुत पीड़ा में हैं। जब वहाँ लोग सरकारी मशीनरी के हाथों अत्याचार का शिकार हो रहे हैं तो हम जश्न कैसे मना सकते हैं।”

यूनिवर्सिटी में बायोकैमेस्ट्री के टीचर नजमुल का कहना है कि घाटी में लोगों के पास पानी, खाना, दवाई कुछ नहीं है, क्योंकि सुरक्षाबल उन्हें उनके घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे। वहाँ अस्पताल भी सुचारू रूप से काम नहीं कर रहे हैं।

इतनी सब बयानबाजी करने के बाद नजमुल इस्लाम कहते हैं कि उन्हें अनुच्छेद 370 के बारे में कुछ नहीं बोलना है, लेकिन हकीकत यही है कि भारत अपने मासूम नागरिकों को पकड़कर उन्हें जेल में डाल रही है। उनके मुताबिक जम्मू-कश्मीर में हर कैदखाना गिरफ्तारी से भर चुका हैं इसलिए अब लोगों को गिरफ्तार करने के बाद उत्तर प्रदेश भेजा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया