3 बार हुई गोलीबारी, मारे गए 14 नागरिक: अमित शाह ने संसद में बताया नागालैंड में क्या हुआ, 250 की भीड़ ने जलाया ‘असम राइफल्स’ का दफ्तर

संसद में नागालैंड मामले पर बयान देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फोटो साभार: संसद टीवी)

नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 13 नागरिकों की मौत और उसके बाद हुई हिंसा में एक सैनिक की मौत के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (6 दिसंबर, 2021) को संसद में बयान दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना को नागालैंड के मोन जिले के तिजीत क्षेत्र में तिरुगाँव के पास उग्रवादियों की आवाजाही की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर सेना के 21 पैराकमांडो के एक दस्ते ने 4 दिसंबर, 2021 की शाम को संदिग्ध क्षेत्र में घात लगाया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि जहाँ भारतीय सेना मौजूद थी, उसी स्थान पर एक वाहन गुजरा। वाहन को रुकने का इशारा किया गया, लेकिन वो गाड़ी उस जगह से तेजी से निकलने का प्रयास करने लगी। अमित शाह ने बताया कि इस आशंका पर कि वाहन में संदिग्ध विद्रोही जा रहे थे, उस पर गोली चलाई गई और उसमें सवार 8 व्यक्तियों में से 6 की मौत हो गई। अमित शाह ने माना कि बाद में ये ‘गलत पहचान’ का मामला पाया गया और जो दो लोग घायल हुए थे, उन्हें सेना द्वारा ही इलाज हेतु नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया।

अमित शाह ने संसद को बताया, “इस घटना का समाचार मिलने के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने सेना की टुकड़ी को घेर लिया, दो वाहनों को जला दिया और उन पर हमला किया। इसके परिणामस्वरूप सुरक्षा बल के एक जवान की मृत्यु हो गई। कई अन्य जवान घायल हो गए। अपनी सुरक्षा में एवं भीड़ को तितर-बितर करने के लिए जवानों को गोली चलानी पड़ी, जिसमें 7 अन्य नागरिकों की मौत हो गई कुछ कुछ अन्य घायल हो गए। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को सामान्य करने के प्रयास किए हैं।”

केंद्रीय गृह मंत्री ने जानकारी दी थी स्थिति अभी भी तनावपूर्ण ही है, लेकिन नियंत्रण में बनी हुई है। उन्होंने बताया कि नागालैंड के पुलिस महानिदेशक और वहाँ के आयुक्त ने घटना के अगले घटनास्थल का दौरा किया। अमित शाह ने तिजीत पुलिस थाने में इस घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है और मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इसे ‘राज्य अपराध पुलिस स्टेशन’ को जाँच के लिए सौंप दिया गया है। साथ ही एक विशेष SIT का भी गठन किया गया है, जिसे निर्देश दिया गया है कि वो एक महीने के भीतर जाँच पूरी करे।

उन्होंने बताया, “उपरोक्त घटना के अगले दिन शाम को लगभग 250 लोगों की उद्वेलित भीड़ ने मोन शहर में ‘असम राइफल्स’ की कंपनी ऑपेरेटिंग बेस ने तोड़फोड़ की और दफ्तर में आग लगा दी, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए ‘असम राइफल्स’ को गोली चलानी पड़ी। इस कारण एक और नागरिक की मृत्यु हो गई और एक घायल हो गए। प्रभावित क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। सेना के 3 कोर मुख्यालय द्वारा एक प्रेस व्यक्तव्य जारी किया गया है।”

बता दें कि इस प्रेस वक्तव्य में भारतीय सेना ने निर्दोष नागरिकों की मौत को लेकर अत्यधिक दुःख व्यक्त किया था। अमित शाह ने इसका जिक्र करते हुए कहा कि सेना इसके कारणों की जाँच उच्च-स्तर पर की जा रही है और कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी। अमित शाह ने बताया कि वो लगातार नागालैंड की सरकार से संपर्क में हैं और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तुरंत पूर्वोत्तर के सचिव को कोहिमा भेजा, जहाँ उन्होंने वहाँ के नेताओं-अधिकारियों के साथ बैठक की।

अमित शाह ने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और पूरे दिन इस घटना को लेकर सूक्ष्म निगरानी रखी गई। सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय भविष्य में ऐसी किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना न हो। उन्होंने कहा कि शांति-सौहार्दता के लिए राज्य प्रशासन ने कुछ निषेध्यता लागू की है और कदम उठाए जा रहे हैं। विपक्षी दल लगातार इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर हैं और कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी इस पर ट्वीट किया था।

बता दें कि ‘असम राइफल्स’ ने ये भी जानकारी दी है कि 13 ज़िंदगियों के चले जाने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और उच्च-स्तर पर इसकी जाँच की जा रही है। साथ ही आश्वस्त किया गया है कि कानून के हिसाब से इस मामले में उचित करवाई की जाएगी। जहाँ सेना के एक जवान की मौत हुई है, कई अन्य घायल भी हुए हैं। प्रतिबंधित आतंकी संगठन NSCN (K) के ‘युंग ऑन्ग’ गुट के वहाँ सक्रिय होने की सूचना मिली थी। बता दें कि ये आतंकी संगठन म्यांमार में स्थित है और भारत में अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया