BJP को रौंदने-फाड़ने की बातें, जेल से निकलते ही आनंद मोहन ने दिखाया अपना रंग: कहा – यूपी या आंध्र प्रदेश नहीं तय करेगा मेरा किरदार

आनंद मोहन करने लगे रौंदने-फाड़ने की बात (फोटो साभार- एबीपी न्यूज)

पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर बिहार में सियासत जारी है। उसकी रिहाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुका है। कोर्ट 8 अगस्त 2023 को मामले पर सुनवाई करेगी। इस बीच आनंद मोहन ने सहरसा में एक कार्यक्रम के दौरान रौंद देने और फाड़ देने जैसी भाषा का इस्तेमाल किया है। भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए बाहुबली नेता ने तुम ताम की भाषा का भी प्रयोग किया।

शुक्रवार (19 मई 2023) को आनंद मोहन सहरसा के महिषी प्रखंड के महपुरा गाँव में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुआ। गाँव में पूर्व मुखिया इंद्रदेव सिंह की प्रतिमा लगाई गई है। आनंद मोहन ने ही इस प्रतिमा का अनावरण किया। अन्य अतिथियों के साथ आनंद मोहन ने पूर्व मुखिया इंद्रदेव सिंह की स्मारिका का भी विमोचन किया। सभा को संबोधित करते हुए आनंद मोहन ने विरोधियों पर निशाना साधा।

संबोधन के दौरान बाहुबली नेता ने कहा, “मेरे बाहर निकलने के बाद सबसे ज्यादा छटपटाहट किसको और क्यों है? वो जानते हैं कि ये आदमी कमल दल को हाथी की तरह रौंद देगा, फाड़ देगा। हम जितने दिन रहेंगे समाजवाद के लिए लड़ते रहेंगे।” आनंद मोहन ने दलित विरोधी होने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “कोई बार-बार कहे हम दलित विरोधी हैं पर महिषी इसका गवाह है। जब सात हजार राजपूत हुआ करते थे। उस समय 62 हजार मतों से जीते थे। जिसे हराया था वो पिछड़ों के नेता हुआ करते थे।”

उसने कहा कि आनंद मोहन के कैरेक्टर को दिल्ली, यूपी या आंध्र प्रदेश तय नहीं करेगा, बल्कि बिहार तय करेगा।

आनंद मोहन की रिहाई पर 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

वहीं, आनंद मोहन सिंह की रिहाई के खिलाफ गोपालगंज के डीएम रहे जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। शुक्रवार (19 मई) को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने लिखित जवाब देने के लिए और समय की माँग की। कोर्ट ने बिहार सरकार को मोहलत देते हुए अगली सुनवाई के लिए 8 अगस्त का दिन तय किया। कोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए और अधिक समय नहीं मिलेगा।

बता दें 27 अप्रैल 2023 को बिहार सरकार ने डीएम हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन को रिहा कर दिया था। आनंद मोहन की रिहाई के लिए नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने कानून में बदलाव कर दिया था। इस रिहाई के खिलाफ जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया