IANS ने BJP विधायक की बेटी और पति के अपहरण की गलत रिपोर्ट प्रकाशित की

IANS ने BJP विधायक की बेटी और पति के अपहरण की गलत रिपोर्ट प्रकाशित की (फाइल फोटो)

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस (IANS) ने आज सुबह एक कपल के अपहरण की एक घटना को गलत तरीके से पेश किया। शुरुआत में उन्होंने रिपोर्ट किया था कि भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा और उनके पति का इलाहाबाद उच्च न्यायालय के बाहर बंदूक की नोक पर एक काली एसयूवी में अपहरण कर लिया गया। बाद में पता चला कि जिस कपल का अपहरण किया गया था, वो साक्षी और अजिताभ नहीं, बल्कि एक दूसरा कपल था। हालाँकि, पुलिस ने किडनैपर को पकड़ लिया और उस दंपती को उसकी चंगुल से छुड़ा लिया।

नेशनल हेराल्ड द्वारा प्रकाशित की गई गलत खबर का स्क्रीनशॉट

साक्षी और उनके पति अजितेश दोनों को अदालत की सुनवाई में भाग लेने के लिए ले जाया गया था। उनके वकील ने दावा किया था कि कोर्ट परिसर के बाहर अजितेश के साथ मारपीट की गई। वकील का कहना है कि इनको किडनैप नहीं किया गया था।

जो कन्फ्यूजन IANS न्यूज़ एजेंसी को हुई, वही कन्फ्यूजन कुछ अन्य न्यूज़ पोर्टलों को भी हुआ। जिसमें इंडिया टुडे, द ट्रिब्यून और कॉन्ग्रेस मुखपत्र नेशनल हेराल्ड आदि शामिल हैं। इन्होंने भी IANS की तरह ही यही गलत खबर चला दी। हालाँकि, IANS ने बाद में अपनी खबर को सही कर लिया। जिसके बाद ये साफ हो गया कि दोनों घटनाएँ अलग-अलग थीं।

गौरतलब है कि IANS ने पिछले साल पीएम मोदी का ज़िक्र करते हुए एक अपशब्द का इस्तेमाल किया था। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित एक नई योजना के बारे में बताते हुए IANS के पत्रकार ने नरेंद्र मोदी के मिडिल नेम में ‘Bakhch**d’ शब्द का इस्तेमाल किया था। हालाँकि उस पत्रकार को बाद में निलंबित कर दिया गया था।

इससे पहले, ऑपइंडिया ने बताया था कि कैसे उत्तर प्रदेश में पीएमएमवीवाई पर खर्च किए गए पैसे पर
IANS द्वारा दायर एक आरटीआई का कथित जवाब आधिकारिक सरकारी आँकड़ों से काफी अलग था।

IANS ने 12 मई 2019 को चुनाव आयोग के आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए व्यापक स्तर पर एक एग्जिट पोल प्रकाशित किया था। IANS ने ये एग्जिट पोल चुनाव के अंतिम चरण शुरू होने से पहले ही प्रकाशित कर दिया गया था। जबकि चुनाव आयोग द्वारा 1998 से रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 के तहत मतदान शुरू होने के समय से लेकर मतदान के सभी चरणों के समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक एक्जिट पोल प्रकाशित करने पर प्रतिबंध है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया