ड्रग्स केस में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन की गिरफ्तारी के बाद जारी सियासत थमती नहीं दिख रही है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने एक बार फिर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) पर आरोप लगाए हैं। मलिक ने क्रूज पर छापेमारी को फर्जी करार देते हुए कहा है कि एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े और बीजेपी के बीच कुछ डील हुई है। उन्होंने वानखेड़े की कॉल डिटेल्स की जाँच की माँग की है।
मलिक ने दावा किया क्रूज पर रेड के दौरान एनसीबी को आर्यन खान के पास से कुछ भी नहीं मिला था। एनसीपी नेता ने आरोप लगाया है कि आर्यन खान को फँसाने के लिए प्रदीप गाबा और आमिर फर्नीचरवाला उसे वहाँ लेकर गए थे। मलिक का आरोप है कि एनसीबी ने ऋषभ सचदेवा, प्रदीप गाबा और आमिर फर्नीचरवाला को इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि उनके लिए स्थानीय और दिल्ली के बीजेपी नेताओं ने एजेंसी को कॉल किया था।
https://twitter.com/ANI/status/1446729689129648131?ref_src=twsrc%5Etfwएएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मलिक ने कहा कि मुंबई तट पर एक क्रूज पर छापेमारी के बाद एनसीबी के समीर वानखेड़े ने कहा था कि 8-10 लोगों को हिरासत में लिया गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था। बाद में 3 लोगों को रिहा कर दिया। हम एनसीबी से पूछना चाहते हैं कि जब उन्होंने छापे के बाद 11 लोगों को हिरासत में लिया था, तो उन्होंने किसके निर्देश पर 3 लोगों को रिहा किया। हम एनसीबी से सबूतों को सामने रखने की माँग करते हैं। हमें लगता है कि समीर वानखेड़े और बीजेपी के बीच जरूर कुछ डील हुई होगी।
https://twitter.com/ANI/status/1446733611764383744?ref_src=twsrc%5Etfwमहाराष्ट्र सरकार के मंत्री मलिक ने इस केस की जाँच मुंबई पुलिस एंटी नारकोटिक्स सेल से करवाने की माँग की। उन्होंने कहा, “मैं सीएम को लिखूँगा। यदि आवश्यक हो तो छापे की जाँच के लिए एक जाँच आयोग का गठन किया जाना चाहिए।”
गौरतलब है कि इससे पहले भी मलिक ने इस मामले में एनसीबी पर कीचड़ उछाला था। उन्होंने कहा था कि आखिर कैसे आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट जैसे हाईप्रोफाइल लोगों को NCB दफ्तर ले जा सकती है। एनसीपी प्रवक्ता ने दावा किया कि जिन दो लोगों ने आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट को पकड़ कर NCB के ऑफिस पहुँचाया, उनमें से एक भाजपा कार्यकर्ता है। जबकि दूसरा एक फ्रॉड है और खुद को प्राइवेट डिटेक्टिव बताता है।