केजरीवाल सरकार की ‘शराब पॉलिसी’ के कारण ₹2500 करोड़ का नुकसान: RTI में खुलासा, BJP नेता बोले- ये आबकारी नहीं पापकारी नीति

ED का बड़ा खुलासा: सिसोदिया ने मिटाए शराब घोटाले के सबूत

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार शराब घोटाले को लेकर घिरी हुई है। इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है। साथ ही, सिसोदिया पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है। इस शराब घोटाले को लेकर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को पापकारी नीति करार देते हुए कहा है कि आप का पाप बेनकाब हुआ है। उन्होंने यह भी कहा है कि शराब नीति से सरकार को अब तक सामने आए आँकड़ों से कहीं अधिक नुकसान हुआ है।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दावा किया है कि उन्हें आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार की शराब नीति से सरकारी खजाने को करीब 2500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। शहजाद ने ट्वीट कर कहा “दिल्ली सरकार की ओर से एक आरटीआई का जवाब मिला है, जिसके मुताबिक, नई शराब नीति के चलते कम से कम 2500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।”

उन्होंने आगे कहा है “नई शराब नीति के तहत, दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 से 31 अगस्त 2022 तक कुल 5,036 करोड़ रुपए कमाए, यानी प्रतिदिन 17.5 करोड़ रुपए की कमाई हुई। जबकि पुरानी शराब नीति के हिसाब से सितंबर 2022 में कुल 768 करोड़ रुपए कमाए यानी प्रतिदिन 25.6 करोड़ रुपए की कमाई हुई। इस तरह से हर दिन कम से कम 8 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।”

इसके अलावा, शहजाद पूनावाला ने कथित स्टिंग ऑपरेशन और जाँच का हवाला देते हुए कहा है कि जिस तरह से शराब माफियाओं से आप नेताओं ने कमीशन लिया है उसका भी प्रमाण सामने आ चुका है। उन्होंने कहा है कि शराब घोटाले में शराब माफियाओं के साथ आम आदमी पार्टी के नेताओं की मिलीभगत के कारण ही उन्हें कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल रही है।

उन्होंने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली के शराब घोटाले का पैसा पंजाब चुनाव में इस्तेमाल हुआ है और अब इसका इस्तेमाल गुजरात के लिए भी किया जा रहा है। पूनावाला ने आगे कहा कि, जब भी शराब नीति के बारे में सवाल उठाए जाते हैं आम आदमी पार्टी मामले को मोड़ देती है या विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर देती है।

शहजाद पूनावाला ने कहा “हमारे प्रवक्ता और नेता संबित पात्रा, मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा और आदेश गुप्ता ने करीब एक महीने पहले 10-12 सवाल पूछे थे। आखिर कमीशन क्यों बढ़ाया गया? धवन रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के बावजूद होलसेल निजी कंपनियों को क्यों दिया गया? लाइसेंस का समय क्यों बढ़ाया गया? कैश में पैसे क्यों लिये और इनका पंजाब में इस्तेमाल क्यों हुआ? बिना प्रक्रिया का पालन किये महंगे बीयरों पर छूट क्यों दी गई?”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया