जिस साध्वी को चमड़े के बेल्ट से पीटा, पुरुष कैदियों के साथ रख पोर्न वीडियो देखने को किया मजबूर, वह कोर्ट में हुईं भावुक: जानिए मामला

मालेगाँव धमाके की सुनवाई के दौरान भावुक हुई साध्वी प्रज्ञा (चित्र साभार: मनीकंट्रोल)

मध्य प्रदेश के भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मंगलवार (3 अक्टूबर 2023) को मालेगाँव धमाकों के संबंध में हो रही सुनवाई के दौरान भावुक हो गईं। साध्वी प्रज्ञा के भावुक होने के कारण कोर्ट ने अपनी कार्यवाही 10 मिनट के लिए रोक दी और उनके सामान्य होने पर फिर कार्यवाही शुरू की।

दरअसल, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर वर्ष 2008 में हुए मालेगाँव धमाकों के सम्बन्ध में NIA के विशेष कोर्ट के समक्ष अपना बयान दर्ज करवा रही थीं। उनके साथ मालेगाँव धमाके में आरोपित बनाए गए अन्य 7 व्यक्तियों का भी बयान दर्ज किया जा रहा था।

साध्वी प्रज्ञा के साथ जिन अन्य लोगों के बयान दर्ज किए गए उनमें लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, सुधाकर द्विवेदी, समीर कुलकर्णी और अजय राहिरकर शामिल हैं। इस दौरान साध्वी से लगभग 60 प्रश्न पूछे गए।

साध्वी से जब धमाके के बाद मृत और घायल लोगों को आई चोटों के सम्बन्ध में प्रश्न पूछे गए तो वह भावुक हो गईं। इसके पश्चात मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश एके लाहोटी ने कार्रवाई को 10 मिनट के लिए रोक दिया। मालेगाँव में 29 सितम्बर को हुए इन धमाकों में 9 लोगों की मृत्यु हुई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे।

बताया गया था कि यह धमाके एक मोटरसाईकिल में बम लगाकर किए गए थे। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था। NIA द्वारा वर्ष 2016 में दाखिल अंतिम चार्जशीट में उनका नाम नहीं था और उन्हें जमानत मिल गई थी। उनको इस मामले में दोषी नहीं माना गया था।

साध्वी प्रज्ञा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि कॉन्ग्रेस की ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया था जिसका नेतृत्व तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम और नेता दिग्विजय सिंह कर रहे थे। उन्होंने दिग्विजय सिंह को आतंक का समर्थक भी बताया था। पी चिदंबरम को उन्होंने विधर्मी कहा था।

आतंकी साबित करने के लिए दी गई थी साध्वी प्रज्ञा को प्रताड़ना

साध्वी प्रज्ञा को मालेगाँव धमाका मामले में गिरफ्तार किए जाने के पश्चात उनको महाराष्ट्र ATS और पुलिसकर्मियों ने तरह-तरह की प्रताड़नाएँ दी थीं। इसका जिक्र उन्होंने स्वयं जनता के बीच दिया था। साध्वी प्रज्ञा ने बताया था कि उन्हें चमड़े की बेल्ट से पीटा जाता था। उन्हें 24 दिनों तक भूखा रखा गया था, उनको बिजली के झटके दिए जाते थे।

साध्वी ने बताया कि उनके साथ गाली-गलौज आम बात थी। उनको पुरुष कैदियों के साथ रखकर पोर्न वीडियो देखने पर मजबूर किया जाता था। उनको पीटने के लिए लगातार 5-6 पुलिस वाले लगाए जाते थे और जब वह थक जाते थे तो दूसरे पुलिसकर्मी उनको पीटने लग जाते थे।

इन सबके बाद जब उन्हें कोर्ट के आदेश पर डॉक्टर के पास ले जाया जाता था तो उन पर दबाव रहता था कि वह यह रिपोर्ट दे कि साध्वी एकदम ठीक हैं। 25 सितम्बर 2023 को NIA कोर्ट के सामने पेश हुईं साध्वी प्रज्ञा ने बताया था उनकी बीमारी की हालत के लिए कॉन्ग्रेस जिम्मेदार है।

साध्वी ने बताया कि जब उनको मालेगाँव धमाके के बाद पूछताछ के लिए बुलाया गया था तब वह पूरी तरह स्वस्थ थीं, लेकिन पुलिस की हिरासत में उनकी हालत बिगड़ी। उनको कैंसर और न्यूरो की बीमारी हो गई। शरीर में पस तक पड़ गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया