2018 में गर्भवती का रेप, 2020 में BJP कार्यकर्ता का गर्भपात… और अब मार-पीट: TMC गुंडों की हरकत पर मीडिया चुप

ममता बनर्जी के शासनकाल में भाजपा महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं बख्शा जा रहा

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के शासनकाल में सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों द्वारा एक और क्रूरतापूर्ण हरकत करने का मामला सामने आया है। तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता के साथ मारपीट की, जिसके बाद महिला का गर्भपात हो गया। यह घटना नॉर्थ 24 परगना जिले के हसनाबाद में फरवरी 20, 2020 को हुई थी। मेनस्ट्रीम मीडिया में इस ख़बर को नज़रअंदाज़ किया गया। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसके बारे में फिर से चर्चा की है।

पीड़िता की पहचान सोनाली बीवी के रूप में हुई थी, जो भाजपा के नेता सद्दाम गाज़ी की पत्नी हैं। गाजी ने कुछ महीनों पहले तृणमूल कॉन्ग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया था। सोनाली 3 महीने की गर्भवती थीं। जब ये हमला हुआ, तब शाम का समय था और सद्दाम का परिवार टेंगरा गाँव में भाजपा की बूथ लेवल बैठक अटेंड कर के लौट रहा था। बदमाशों ने सद्दाम की माँ और बहन को भी नहीं छोड़ा। उन पर भी हमले किए गए।

भाजपा ने इस इस मामले में टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं और हसनाबाद पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस ने इस मामले की जाँच व्यक्तिगत दुश्मनी या आपसी रंजिश वाले एंगल से शुरू की थी। सोनाली से पहले उनके पति पर हमला किया गया था। जब उन्होंने अपने पति को बचाना चाहा तो बदमाशों ने उनकी पेट पर पर जोर की लात मारी। इसके बाद उन्हें टाकी के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जब सोनाली की हालत और बिगड़ने लगी तो उन्हें बारिसात स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुँचाया गया। हालाँकि, बाद में उनकी हालत तो स्थित हो गई लेकिन उनका गर्भपात हो गया और बच्चे को नहीं बचाया जा सका। बाद में पुलिस ने इस मामले की राजनीतिक रंजिश के एंगल से जाँच की लेकिन उसके बाद की किसी भी ख़बर में हमें तृणमूल कॉन्ग्रेस के आरोपितों की गिरफ़्तारी की बात नहीं पता चली। बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा इस तरह के अपराध का इतिहास रहा है।

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2018 में नदिया जिले में एक व्यक्ति ने भाजपा से पंचायत चुनाव लड़ा तो टीएमसी के गुंडों ने उसकी महिला रिश्तेदार के साथ बलात्कार किया। उस समय भी पीड़िता गर्भवती थी, लेकिन फिर भी उसका बलात्कार किया गया। पीड़िता की सास द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं पर धमकी देने का आरोप लगाया गया था। उनका कहना था कि वो चुनावी मैदान से पीछे हटने के लिए लगातार दबाव बना रहे थे।

हालाँकि, तृणमूल कॉन्ग्रेस इन आरोपों को नकारती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल के 80 ऐसे भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवारों को निमंत्रण दिया गया था, जिनकी जान राजनीतिक विरोध में ले ली गई। आरएसएस से जुड़े एक पति-पत्नी को भी मार डाला गया था। उस घटना में भी पीड़िता गर्भवती थीं। हाल ही में भाजपा नेता सब्यसाची दत्ता की पिटाई की गई। बंगाल में पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा और अब लोकसभा चुनाव के बाद भी ऐसी हरकतें चालू हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया