‘भाजपा को हराने के लिए SP-BSP गठबंधन परफेक्ट’, हाथी ने दिखाया हाथ को ठेंगा

मायावती को आशंका इस बात की है कि कॉन्ग्रेस उनके वोट बैंक में सेंध लगा सकती है

बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए किसी भी राज्य में कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। मायावती ने इस तरह से कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन की सभी संभावनाओं को समाप्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के लिए SP और BSP का गठबंधन है। SP यूपी की 37 सीटों और BSP 38 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

हालाँकि, SP अध्यक्ष और मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव कहते आए हैं कि इस गठबंधन में कॉन्ग्रेस भी शामिल है और उसे 2 सीटें दी गई हैं।

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इस बीच मायावती के इस बयान से जाहिर होता है कि BSP आगामी लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस से दूरी बनाए रखना चाहती है। BSP और SP के बीच मध्य प्रदेश में भी चुनावी समझौता हुआ है। कॉन्ग्रेस और BSP के बीच राजनीतिक दूरी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों के दौरान भी देखने को मिली थी। मध्य प्रदेश में गठबंधन न होने के लिए मायावती ने कॉन्ग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था।

माना जा रहा है कि मायावती के चलते ही SP-BSP गठबंधन में कॉन्ग्रेस को जगह नहीं मिल पाई है। कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन न करने के पीछे मायावती का अपना तर्क भी रहा है। मायावती का कहना है कि चुनावों में उनकी पार्टी का वोट बैंक कॉन्ग्रेस और अन्य दलों को आसानी से ‘ट्रांसफर’ हो जाता है लेकिन उनका वोट BSP को नहीं मिल पाता। उन्होंने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश में दलित और मुस्लिम कभी कॉन्ग्रेस पार्टी के वोट बैंक रहे हैं। इसीलिए मायावती को इस बात की आशंका रहती है कि कॉन्ग्रेस पार्टी BSP के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है।

मायावती ने कहा, “BSP से चुनावी गठबंधन के लिए कई दल काफी आतुर हैं, लेकिन थोड़े से चुनावी लाभ के लिए हमें ऐसा कोई काम नहीं करना है जो पार्टी मूवमेन्ट के हित में बेहतर नहीं है.”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया