सत्येन्द्र जैन पर CBI दर्ज करेगी केस, LG से माँगी इजाजत: जेल में जबरन वसूली का मामला, सुकेश चंद्रशेखर ने की थी शिकायत

CBI दर्ज करेगी सत्येंद्र जैन पर एक और मामला (फोटो साभार: सत्येन्द्र जैन FB एकाउंट)

केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुकेश सहित हाई-प्रोफाइल कैदियों से करोड़ों रुपए की कथित उगाही के मामले में सोमवार (13 नवंबर,2023) को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को चिट्ठी लिखी है। इसमें सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व जेल मंत्री सत्येन्द्र जैन और पूर्व जेल महानिदेशक संदीप गोयल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत इजाजत माँगी है।

बता दें कि इस वक्त आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन मई 2022 से मनी लॉन्ड्रिंग केस में न्यायिक हिरासत में हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली एलजी कार्यालय को दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों की जाँच के लिए सीबीआई से लेटर मिला है।

पूर्व मंत्री जैन ने कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपित सुकेश चंद्रशेखर से ही नहीं बल्कि कई हाई प्रोफाइल कैदियों से जेलों के अंदर उन्हें सुरक्षा और सुविधा देने के लिए उनसे पैसे वसूले थे। सीबीआई ने तत्कालीन तिहाड़ जेल अधीक्षक दानिक्स (Danics) अधिकारी राज कुमार के खिलाफ भी इसी तरह की जाँच के लिए एलजी से मंजूरी माँगी है।

बीते साल अक्टूबर में महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने मंत्री सत्येंद्र जैन को लेकर दिल्ली के उप-राज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी कि जैन उससे मिलने तिहाड़ जेल में आते थे और ‘प्रोटेक्शन मनी’ के तौर पर उससे 10 करोड़ रुपए लिए थे। यही नहीं सुकेश ने दावा किया था कि उसने दक्षिण भारत में पार्टी में एक अहम पद देने के वादे पर आम आदमी पार्टी को भी 50 करोड़ रुपए दिए थे।

बताते चले की बीते हफ्ते ही सीबीआई ने आप नेता सत्येंद्र जैन के आरोपों को लेकर एलजी को पत्र लिखकर जानकारी दी थी। इसमें जाँच एजेंसी ने जैन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों में खुद या अपने सहयोगियों के जरिए सुकेश को आराम से रहने देने के लिए उससे 10 करोड़ रुपए की उगाही की थी।

सीबीआई का सत्येंद्र जैन पर दिल्ली की जेलों के अंदर हाई प्रोफाइल करप्शन और जबरन वसूली रैकेट चलाने का आरोप है। एजेंसी ने दावा किया कि इस रैकेट में जैन एक सिंडिकेट की भूमिका निभाते थे। वहीं उनके इस काम में पूर्व जेल महानिदेशक संदीप गोयल, तत्कालीन अतिरिक्त जेल महानिरीक्षक मुकेश प्रसाद सहयोग करते थे।

सीबीआई के मुताबिक उसके पास जानकारी है कि जैन ने कथित तौर पर 2018-21 के बीच कई किश्तों में कैदी चंद्रशेखर से खुद या अपने सहयोगियों के जरिए से संरक्षण राशि के तौर पर 10 करोड़ रुपए की वसूली की ताकि कथित ठग जेल में शांतिपूर्ण और आरामदायक जीवन जी सके।

सीबीआई का ये भी आरोप है कि चंद्रशेखर से 12.50 करोड़ रुपए की उगाही गोयल और मुकेश प्रसाद ने भी की थी। सीबीआई के मुताबिक ये रकम 2019-22 के दौरान कई किश्तों में जैन ने खुद या अपने सहयोगियों के जरिए ली थी।

जहाँ सीबीआई ने जैन और जेल अधिकारी राज कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के ऑफिस से मंजूरी माँगी थी। वहीं 1989 बैच के निलंबित आईपीएस गोयल और सेवानिवृत्त आईएएस मुकेश प्रसाद के लिए सीबीआई ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क साधा है। गौरतलब है कि गोयल को बीते साल ही उन पर जबरन वसूली के आरोपों के बाद गृह मंत्रालय ने निलंबित कर दिया था।

इस दौरान ही सुकेश चंद्रशेखर ने एलजी को लिखी नई चिट्ठी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर डराने-धमकाने का आरोप लगाया था। उसने ये भी दावा किया था कि सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदियों की मिलीभगत से जेल में समानांतर सिस्टम चल रहा है।

वहीं सीबीआई के आरोपों पर AAP ने कहा, “सीबीआई ने केवल और केवल भारत के सबसे बड़े ठग और ठग सुकेश चंद्रशेखर के बयान के आधार पर सत्येन्द्र जैन और अन्य के खिलाफ जाँच करने के लिए एलजी से अनुमति माँगी है। यह कानून का मजाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया