‘आपत्तियों पर खुले मन से विचार को सरकार तैयार’: केंद्रीय कृषि मंत्री ने कृषि कानूनों पर पवार की सोच से जताई सहमति

एनसीपी प्रमुख शरद पवार (बाएँ) और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (दाएँ)

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार का बयान का केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वागत किया है। तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार पवार की सोच से सहमत है और इस दिशा में केंद्र ने 11 बार किसान यूनियनों के साथ बातचीत की है। केंद्र सरकार की मंशा है कि बातचीत के जरिए ही इस समस्या का समाधान निकले।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, “हम चाहते हैं कि किसान आंदोलन जल्दी से जल्दी समाप्त हो। जिन बिंदुओं पर आपत्ति है, उन बिंदुओं पर खुले मन से विचार करने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह सरकार किसानों का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके लाभ को बढ़ाने के लिए बीते सात सालों में कई उपाय किए गए हैं।

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उन्होंने आगे कहा, “किसानों को लाभान्वित करने के लिए हमने कई योजनाएँ शुरू की हैं। 2006 में यूपीए के कार्यकाल के दौरान सरकार को सौंपी गई स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर कृषि कानूनों में बदलाव किए गए हैं, जबकि कॉन्ग्रेस सरकार इस रिपोर्ट को ही दबाकर बैठ गई थी।”

तोमर ने नए कृषि कानून को किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि शरद पवार कहते हैं कि पूरा कृषि बिल वापस नहीं होना चाहिए, बल्कि जिन मुद्दों पर समस्या है उनमें संशोधन करना चाहिए। मोदी सरकार भी लगातार यही कर रही है। बता दें कि पवार ने 1 जुलाई को मुंबई में एक निजी विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में कहा था, “पूरे बिल को खारिज करने के बजाय हम उस हिस्से में संशोधन की माँग कर सकते हैं, जिस पर किसानों को आपत्ति है।”

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गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले एक साल से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। हालाँकि, उसका कोई नतीजा नहीं निकला है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया