पूरे देश में, खासकर पूर्वी भारत में छठ महापर्व का विशेष महत्व है। बुधवार (नवंबर 18, 2020) से 4 दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है और नहाय-खाय के साथ व्रती इसे प्रारम्भ करते हैं। झारखण्ड में इस बार तालाबों और नदियों के किनारे छठ महापर्व के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने रविवार की रात ही इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए, जिसके बाद श्रद्धालुओं में मायूसी का माहौल बन गया है।
झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार का कहना है कि अभी कोरोना महामारी का समय गया नहीं है और नदियों एवं तालाबों के घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना संभव नहीं है। कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के निर्देशों के पालन का हवाला देकर ऐसा किया गया है। सरकार ने कहा है कि लोग इस बार अपने घरों से ही छठ महापर्व मनाएँ और बाहर न निकलें। उन्हें पिछले सालों की भाँति घाट पर जाने की अनुमति नहीं होगी।
झारखण्ड के आपदा प्रबंधन विभाग ने अपने दिशा-निर्देशों में स्पष्ट कहा है कि छठ महापर्व के दौरान किसी भी नदी, झील, बाँध या तालाब के छठ घाट पर किसी भी तरह के कार्यक्रम के आयोजन की अनुमत नहीं होगी। साथ ही घाट के समीप किसी भी प्रकार के दुकान या स्टॉल लगाने पर भी प्रतिबंध रहेगा। किसी भी सार्वजनिक स्थलों पर पटाखे छोड़ना या लाइटिंग व मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित करने की भी मनाही होगी।
झारखण्ड के अधिकारियों का कहना है कि जलीय स्थलों पर डुबकी लगाने के दौरान सबका मास्क पहनना संभव नहीं है। साथ ही दो गज की दूरी का पालन न होने की बात भी कही जा रही है, क्योंकि इसमें एक जगह पर कई परिवारों के लोग शामिल होते हैं। सैकड़ों भक्तों के पानी में जमा होने के कारण कोरोना फैलने की संभावना का हवाला देते हुए ये प्रतिबंध लगाए गए हैं। लोगों को घर से ही अर्घ्य देने के लिए कहा गया है।
सरकार का कहना है कि घाट पर स्नान करने आई भीड़ को नियंत्रित करना भी उसके लिए संभव नहीं है, ताकि लोग बारी-बारी से स्नान कर सकें। घाट के आसपास सार्वजनिक जगहों पर बिजली के बल्ब इत्यादि से सजावट भी नहीं की जा सकेगी। संगीत का कोई कार्यक्रम नहीं हो सकेगा। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ही आपदा प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष हैं और उनके द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में ही ये बातें कही गई हैं।
Chhath puja in water bodies including public ponds, lakes, rivers, dams, reservoirs shall not be permitted in view of COVID-19 pandemic: #Jharkhand Government pic.twitter.com/6ZEUhFcePx
— ANI (@ANI) November 16, 2020
इसके बाद झारखण्ड के लोगों ने भी बाजारों से टब की खरीददारी शुरू कर दी है और कइयों ने घर में ही हौदा बनवा लिया है। वहीं बिहार में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के तालाबों में छठ महापर्व मनाने की अनुमति दी गई है। तालाब क्षेत्र को सैनिटाइज किए जाने की व्यवस्था भी हुई है। नगर निकायों और ग्राम पंचायतों को इसके लिए तैयार किया गया है। हालाँकि, घाट के आसपास भोज या प्रसाद वितरण नहीं हो सकेगा।
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी मंगलवार (नवंबर 10, 2020) को पश्चिम बंगाल में छठ पर्व मनाने सम्बन्धी जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोलकाता की दो सबसे बड़ी झीलों रवींद्र सरोवर और सुभाष सरोवर में भी छठ महपर्व के आयोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। एक परिवार से दो लोग से ज्यादा पानी में उतर कर पूजा नहीं कर सकते। जिसके घर में छठ पर्व हो रहा है, उस परिवार के अन्य सदस्यों को घर में रह कर ही इसे देखना पड़ेगा।