नीतीश की वजह से INDI गठबंधन, उनकी अनदेखी हुई तो सारे दल छोड़ जाएँगे: JDU सांसद ने खोला मोर्चा, कहा- सीरियस नहीं है कॉन्ग्रेस

नीतीश कुमार, राहुल गाँधी और सुनील सिंह पिंटू (साभार: जागरण/ABP)

जनता दल (युनाइटेड) के सांसद सुनील सिंह पिंटू ने कॉन्ग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि JDU प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेहनत एवं कोशिशों से इंडी गठबंधन (I.N.D.I. Alliance) बना है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री की रेस में नहीं हैं और ना ही वो किसी से नाराज हैं।

सुनील सिंह ने कहा कि 19 दिसंबर 2023 को हुई इंडी गठबंधन की बैठक में सिर्फ चाय और बिस्किट ही परोसी गई। पहले बैठक में चाय-समोसे दिए जाते थे और अब यह चाय बिस्किट तक सिमट गई। उन्होंने कॉन्ग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस ने खुद ही कहा है कि अभी उसके पास फंड की कमी है। जदयू सांसद ने कहा कि चंदे का पैसा अभी कॉन्ग्रेस पार्टी के पास नहीं आया है!

कॉन्ग्रेस के अडियल रवैये की वजह से बैठक फ्लॉप

मीडिया से बातचीत में सुनील सिंह ने कहा, “हमने (जेडीयू) इस गठबंधन के सभी दलों को एक प्लेटफॉर्म पर ला दिया। ये सारा प्रयास नीतीश कुमार का है। नीतीश कुमार ने कहा था कि आज वाली बैठक (19 दिसंबर) हो रही है, उस दिन नेता का चुनाव या फिर कम से कम शीट सीट शेयरिंग तो होगी। दोनों पर कुछ नहीं हो पाया।”

उन्होंने आगे कहा, “मामला टाँय-टाँय फिस्स होकर रह गया। इसके कारण हमारे नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही नहीं गए कि भाई… जब कुछ हुआ ही नहीं तो प्रेस को और जनता को क्या बोला जाए? कॉन्ग्रेस के अड़ियल रवैये के कारण ये बैठक पूरी तरह टाँय-टाँय फिस्स होकर रह गई।”

ये पूछने पर कि क्या नीतीश कुमार को तवज्जो कम दी जा रही है, इस पर जदयू सांसद ने कहा, “देखिए, नेता को तवज्जो दे या न दे, उन्हीं की बदौलत तो सारे लोग एक जगह जमा हुए हैं। जिस दिन कॉन्ग्रेस हमारे नेता को तवज्जो देना छोड़ देगी, पता चलेगा कि पूरे इंडी गठबंधन के घटक दल अपने आप बिखर जाएँगे।”

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनील कुमार पिंटू ने कहा, “गठबंधन को लेकर कॉन्ग्रेस का अड़ियल रवैया है। कॉन्ग्रेस सीरियस नहीं है। ना कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और ना उनके पीएम वेटिंग राहुल गाँधी इसको लेकर सीरियस हैं।”

बिना किसी सीरियस मुद्दे के चाय-बिस्कुट तक सिमटी बैठक

एएनआई से बातचीत में उन्होंने बुधवार (20 दिसंबर) को कहा, “कल (19 दिसंबर 2023) की जो बैठक थी, सारे विपक्ष के नेता आए थे, मुख्यमंत्री गण आए थे। ये उम्मीद थी कि सीटों का बँटवारा हो जाएगा, परंतु उस पर कोई चर्चा नहीं हो पाई। कल की बैठक रह गई चाय-बिस्कुट तक सिमट कर। चूँकि कॉन्ग्रेस के पास फंड की कमी है और डोनेशन अभी आने में देर है, इसलिए बिना किसी सीरियस मुद्दे पर चर्चा के बैठक चाय बिस्कुट तक सिमट कर रह गई।”

बता दें कि इंडी गठबंधन ने दिल्ली में मंगलवार (19 दिसंबर 2023) को चौथी बैठक की थी। इस बैठक में न तो सीट शेयरिंग पर बात हो पाई और न ही नेता का नाम तय हो पाया। ये जरूर हुआ कि ममता बनर्जी की तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ने मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम गठबंधन के नेता और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर उछाल दिया।

इसके अलावा, तृणमूल कॉन्ग्रेस ने प्रियंका गाँधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की सलाह भी दे डाली। इस पूरी बैठक में सभी नेता एक-दूसरे दल और नेता का पत्ता काटने में लगे रहे। बैठक में किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया