गृहमंत्री अमित शाह से मिले कैप्टन अमरिंदर सिंह, 45 मिनट चली बैठ​क, भाजपा में शामिल होने के साथ ही ये हैं कयास

गृहमंत्री अमित शाह से मिले कैप्टन अमरिंदर सिंह (साभार: ट्विटर)

पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस पार्टी के भीतर अंर्तकलह जारी है। पार्टी में चल रहे सियासी घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार (29 सितंबर 2021) शाम को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। गृहमंत्री के आवास पर यह बैठ​क लगभग 45 मिनट चली।

इस बैठक को लेकर मीडिया में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही कोई बड़ा कॉन्ग्रेसी नेता भाजपा में शामिल हो सकता है। चर्चा है कि भाजपा अमरिंदर को राज्यसभा के रास्ते सरकार में ला सकती है। या फिर उन्हें कृषि मंत्री का पद दिया जा सकता है।

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दूसरी ओर कैप्टन के करीबी सूत्रों ने मीडिया में बताया कि दोनों नेताओं की मुलाकात में किसानों के मुद्दे को लेकर बातचीत हुई है। दरअसल, मंगलवार (28 सितंबर 2021) को दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए अमरिंदर सिंह ने दावा किया था कि उनका कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है।

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी कैप्टन को सही तरीके से इस्तेमाल करने की रणनीति पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें पार्टी में शामिल कराकर एक चेहरे के रूप में पेश करना उचित रहेगा, या कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में एक नए राजनीतिक दल का गठन हो और भाजपा उसका बाहर से सपोर्ट करे, इस संभावना पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

आपको याद दिला दें कि अमरिंदर सिंह को हाल ही में अपमानित होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। उन्होंने कॉन्ग्रेस आलाकमान से कहा था कि वो अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके बाद उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू पर बड़ा हमला किया था। सिद्धू को एंटी नेशनल बताते हुए उन्होंने एलान किया था कि वो उन्हें पंजाब का CM नहीं बनने देंगे। सिद्धू को जीतने से रोकने के लिए मजबूत कैंडिडेट उतारेंगे। वहीं, उन्होंने राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को अनुभवहीन तक बता दिया था। इसके अलावा कैप्टन ने कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और केसी वेणुगोपाल पर भी हमला किया था।

अमरिंदर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था, ”प्रियंका गाँधी और राहुल गाँधी मेरे बच्चे जैसे हैं। कोई चीज ऐसे नहीं खत्म होनी चाहिए। मैं आहत हूँ।” उन्होंने कहा था कि राहुल और प्रियंका अनुभवी नहीं हैं। उनके सलाहकार उन्हें गुमराह कर रहे हैं। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि वो सियासत में नई पारी शुरू सकते हैं।

बता दें कि कैप्टन का इससे पहले साल 2017 में कॉन्ग्रेस हाईकमान से टकराव हुआ था। तब कैप्टन ने जाट महासभा बनाकर कॉन्ग्रेस काे चुनौती दी थी। कैप्टन ने बाद में इसका खुलासा किया था कि वो भाजपा में जाने का मन बना चुके थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया