1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कॉन्ग्रेस नेता जगदीश टाइटलर पर हत्या और दंगे भड़काने समेत कई मामलों में मुकदमा चलेगा। दिल्ली की एक अदालत ने टाइटलर के विरुद्ध आरोप तय करनेके आदेश दिए हैं। जगदीश टाइटलर के खिलाफ कार्यवाही चलाने का कोर्ट को पर्याप्त आधार मिला है।
दिल्ली के राउज अवेन्यु कोर्ट ने शुक्रवार (30 अगस्त, 2024) को सिख दंगा मामले में अपना आदेश सुनाया। कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की अलग-अलग धाराओं के अंतर्गत हत्या, दंगा भड़काने समेत अन्य कई आरोपों पर मामला चलाने के लिए पर्याप्त आधार हैं।
कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ दंगा, समुदायों में दुश्मनी बढ़ाना, पूजास्थल को नुकसान पहुँचना,और हत्या समेत अन्य मामलों में पर्याप्त आधार पाया गया हैऔर मामले को आगे बढ़ाने के आदेश दिए हैं। टाइटलर के खिलाफ सितम्बर, 2024 में आरोप तय होने पर सुनवाई होगी।
जगदीश टाइटलर के खिलाफ यह मामला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद दिल्ली के एक इलाके में लोगों को भड़काने के लिए चल रहा है। इस मामले में CBI ने मई, 2023 में चार्जशीट दाखिल की थी। CBI ने टाइटलर पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इस चार्जशीट में गवाहों के हवाले से कहा गया था कि टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था और दंगों का नेतृत्व किया था। इस चार्जशीट में दिए गए एक गवाह के बयान में कहा गया ”जगदीश टाइटलर ने भीड़ से पहले सिखों को मारने और फिर उनकी दुकानें एवं कीमती सामान लूटने के लिए कहा”
चार्जशीट में यह भी कहा गया था कि जगदीश टाइटलर ने दंगाइयों को आश्वासन दिया कि उनके खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में हुई हत्याओं की तुलना दूसरी जगहों से की और अपने फॉलोअरों से अधिक-से-अधिक सिखों पर हमला करने के लिए कहा।
चार्जशीट में दर्ज एक प्रत्यक्षदर्शी के बयान में कहा गया है कि कॉन्ग्रेस नेता जगदीश टाइटलर अपनी सफेद एम्बेसडर कार से बाहर निकले और भीड़ को उकसाना शुरू कर दिया और दंगाइयों से दुकानें लूटने के लिए कहा। गवाहों ने बताया कि उन्होंने अपनी गाड़ी से उतर कर कहा, “सिखों को मारो, इन्होने हमारी माँ को मार दिया।”
इसी चार्जशीट में एक और गवाह का जिक्र किया गया है। गवाह के बयान में कहा गया है कि तत्कालीन सांसद टाइटलर ने दिल्ली के आज़ाद मार्केट में गुरुद्वारा पुल बंगश पर हमले को भी उकसाया था। इसके परिणामस्वरूप भीड़ ने गुरुद्वारा पुल बंगश को आग लगा दी और 1 नवंबर 1984 को सिख समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी।