पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सोमवार (दिसंबर 7, 2020) को हुई हिंसा में भाजपा कार्यकर्ता की मौत के बाद राज्य पुलिस ने भाजपा के ही कई दिग्गज नेताओं के ख़िलाफ़ मुकदमा दायर कर दिया है। पुलिस ने बंगाल में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष समेत कई नेताओं का नाम एफआईआर में शामिल किया है।
ये पूरा मुकदमा IPC की गैर जमानती धाराओं के तहत दर्ज हुआ है। एफआईआर में आरोप लगाया है गया है कि आरोपितों ने सरकारी मुलाजिमों पर हमला बोला। पुलिस द्वारा लगाई बैरिकेडिंग को तोड़ा और प्रदर्शन के दौरान आगजनी और पत्थरबाजी की।
पुलिस द्वारा एफआईआर में नाम लिखे जाने के बाद राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष ने इसे राज्य सरकार का अंत कहा है। न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार को अपने अंत का एहसास हो गया है। वह झूठे इल्जाम लगाकर हमारे नेताओं को फँसाकर हमें डराना चाहती है।
बता दें कि सिलीगुड़ी में पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में भाजपा समर्थक उलेन रॉय की मौत हो गई थी। जिसके बाद भाजपा ने अपने कार्यकर्ता की मौत को हत्या करार दिया था और बंगाल की पुलिस पर गंभीर आरोप मढ़े थे।
https://twitter.com/ANI/status/1335928441145716738?ref_src=twsrc%5Etfwहालाँकि, मंगलवार को पुलिस ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट का हवाला देकर दावा किया कि उलेन की मृत्यु मृत्यु शॉटगन से लगी चोट के कारण हुई है।
अपने बयान में राज्य पुलिस ने कहा कि पुलिस शॉटगन इस्तेमाल नहीं करती। तो जाहिर है कि कल सिलीगुड़ी में हुए प्रदर्शन के दौरान हथियार बद्ध लोग लाए गए थे और उन्होंने हथियार से गोली दागी। उनका कहना था,
“मृतक को किसी पास खड़े शख्स द्वारा पास चोट पहुँचाई गई। वहाँ पहले से हथियारों का उपयोग करके हिंसा पैदा करने की मंशा थी। अब पश्चिम बंगाल की सीआईडी इसकी जाँच करेगी। सच्चाई बाहर आएगी और जिसने भी इस अपराध की साजिश रची और अंजाम दिया उसे बख्शा नहीं जाएगा।”