अब कार्ति चिदंबरम पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, गिरफ्तारी से रोक हटाने की माँग पर ED जा रहा कोर्ट

कॉन्ग्रेस नेता पी चिदंबरम अपने बेटे कार्ति चिदंबरम के साथ

INX मीडिया मामले में CBI की कस्टडी में भेजे गए पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बाद अब उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सूत्रों का कहना है कि वह इस मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति को मिली जमानत का विरोध करते हुए मामला कोर्ट में लेकर जाएगा। उनकी जमानत खारिज किए जाने के बाद उन्हें भी हिरासत में लेकर इस मामले में पूछताछ किए जाने की रणनीति ED बना रही है।

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्ति की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इतना ही नहीं, ED सुप्रीम कोर्ट से पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर लगी रोक (यह रोक सिर्फ ED संबंधित मामलों के लिए है, CBI के मामले में सीनियर चिदंबरम हिरासत में हैं) हटाने की भी माँग कर रहा है। जाँच एजेंसी सुप्रीम कोर्ट में एक और अर्जी दाखिल करने जा रहा है। उधर, पी. चिदंबरम ने ईडी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि ईडी द्वारा उनकी जब्त सारी संपत्ति वैध हैं।

दरअसल, INX मीडिया घोटाले में कार्ति पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने पिता के पद का दुरुपयोग करते हुए इस घोटाले को अंजाम दिया। आईएनएक्स मामले में पी चिदंबरम इन दिनों सीबीआई की कस्टडी में हैं। ऐसे में अब खबर है कि ईडी द्वारा इस मामले में कार्ति पर शिकंजा कसने के लिए उनकी जमानत खारिज किए जाने की याचिका कोर्ट में लगाई जाएगी। ईडी उनकी गिरफ्तारी पर से रोक हटाने की माँग करेगा।

हालाँकि, इससे पहले जब भी ईडी और सीबीआई ने इस मामले में पूछताछ के लिए पिता-पुत्र को बुलाया है, दोनों ही जाँच एजेंसियों के सामने पेश हुए हैं। ऐसे में ईडी का कहना है कि इस मामले की आगे की जाँच जारी रखने के लिए कार्ति चिदंबरम की जमानत रद्द किए जाने की जरूरत है।

मनी लॉन्ड्रिंग केस की जाँच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता पी चिदंबरम ने विदेशों में संपत्तियाँ बनाई हैं। ED का कहना है कि केस के सह-आरोपितों के साथ कॉन्ग्रेस नेता विदेशों में संपत्ति को बेचने और विदेशी बैंक खातों को बंद करने के सबूत से भी छेड़छाड़ कर रहे रहे हैं। सोमवार (अगस्त 26, 2019) को जाँच के लिए कस्टडी बढ़ाने की माँग करते हुए जाँच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट को यह दलील दी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया