किसानों के समर्थन में कॉन्ग्रेस का राजभवन मार्च: दिग्विजय समेत 20 नेता गिरफ्तार, उत्तराखंड में भी हाथापाई पर उतरे कॉन्ग्रेसी

किसानों के समर्थन में कॉन्ग्रेस का राजभवन मार्च (साभार: ANI)

ऐतिहासिक कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध के बीच कॉन्ग्रेस पार्टी ने भी तथाकथित किसानों द्वारा जारी आंदोलन को ‘जन आंदोलन’ में बदलने के लिए अपना कदम बढ़ाया है। शनिवार (जनवरी 23, 2021) को मध्य प्रदेश के भोपाल में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में जवाहर चौक से राजभवन तक मार्च का आयोजन किया था।

जुलूस के दौरान, पार्टी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए, झंडे लहराए और सड़क पर जाम लगा दिया। सामने आए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को स्पष्ट रूप से दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए देखा जा सकता है। जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए, भोपाल पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री जयवर्द्धन सिंह और विधायक कुणाल चौधरी समेत 20 कॉन्ग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। 

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इधर, उत्तराखंड के देहरादून में भी कृषि विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राजभवन पहुँचने के लिए पुलिस बैरिकेट्स तोड़ने की कोशिश की। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी पुलिस अधिकारियों के साथ हाथापाई पर उतर गए।

किसान संयुक्त मोर्चा के तहत गाँधी पार्क से राजभवन कूच कर रहे सीटू के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हाथीबड़कला बैरिकेटिंग पर रोक लिया। वहीं किसान प्रदर्शनकारी हर्रावाला में बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें आईआईपी मोहकमपुर के पास रोका हुआ है। आशारोड़ी और सेलाकुई आदि स्थानों पर भी किसान प्रदर्शनकारी जमा थे। किसान आंदोलन की वजह से लगाए गए बैरिकेडिंग की वजह से आशारोड़ी चेक पोस्ट पर बहुत पहले से लंबा जाम लग गया।

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केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ राजभवन कूच कर रहे किसानों ने प्रदर्शन करते हुए ट्रैक्टर रैली निकाली। भानियावाला लच्छीवाला ओवरब्रिज से होते हुए टोल बैरियर पहुँची ट्रैक्टर रैली को पुलिस ने रोक लिया। इस बीच प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

इससे पहले, कॉन्ग्रेस नेता और सांसद रवनीत बिट्टू सिंह ने तथाकथित ‘किसान विरोध’ की प्रकृति को बदलने को लेकर हिंसा की खुली धमकी दी थी। न्यूज नेशन से बात करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा, “वे (सरकार) सोचते हैं कि हम कुछ समय बाद थक जाएँगे और धरने पर बैठ जाएँगे। लेकिन नहीं! हम लाशों का ढेर लगा देंगे। हम खून बहाएँगे और अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।”

कॉन्ग्रेस प्रायोजित हिंसा की संभावना पर इशारा करते हुए, रवनीत बिट्टू सिंह ने कहा, “हम एक नई योजना के साथ आ रहे हैं और आप इसे 1 जनवरी के बाद एक्शन में देखेंगे।” यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि भाजपा ने पहले कॉन्ग्रेस पर किसानों को गुमराह करने और ऐतिहासिक कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों को उकसाने का आरोप लगाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया