तमिलनाडु BJP प्रदेश अध्यक्ष पर भी FIR: बिहार के लौटे मजदूरों ने सुनाई मारपीट और धमकी की दास्तान, हिंसा पर राज्यपाल से मिलेंगे चिराग पासवान

तमिलनाडु भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के अन्नामलाई (बाएँ) लोजपा सांसद चिराग पासवान (दाएँ) (फोटो साभार: Republic, HT)

तमिलनाडु में हिंदी भाषी मजदूरों पर हमले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के अन्नामलाई के खिलाफ कथित तौर पर हिंसा भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं, सांसद चिराग पासवान तमिलनाडु के राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं। एक ओर जहाँ राज्य सरकार हिंसा की बातों को फर्जी बता रही है। वहीं, तमिलनाडु से लौटे मजदूर हिंसक घटनाओं की दास्ताँ बयान कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तमिलनाडु भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के अन्नामलाई ने एक बयान जारी कर कहा था कि डीएमके द्वारा उत्तर भारतीयों द्वारा किए गए कामों का ‘मजाक’ उड़ाने का प्रयास किया जाता है। यही कारण है कि फेक खबरें तेजी से फैल रहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि डीएमके के गठन के बाद से पार्टी द्वारा एक विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत उगली जा रही है। जब से डीएमके सत्ता में आई है, पार्टी के मंत्रियों और सांसदों ने कई बार बार अपने भाषणों में (उत्तर भारतीयों) का मजाक उड़ाया है। यही नहीं, अन्नामलाई ने झूठी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी माँग की थी।

अन्नामलाई के इस बयान के बाद चेन्नई की साइबर क्राइम यूनिट ने उनके खिलाफ धारा 153, 153 ए(1) (ए), 505(1)(बी) और 505 (1) (सी) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद अन्नामलाई ने उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “आप (डीएमके सरकार) सोचते हैं कि झूठे मुकदमे दर्ज कर लोकतंत्र की आवाज दबा सकते हैं। एक आम आदमी के रूप में मैं आपको 24 घंटे देता हूँ। यदि संभव हो तो मुझे गिरफ्तार करके दिखाओ।”

राज्यपाल से मिलेंगे चिराग पासवान

लोक जनशक्ति पार्टी नेता और सांसद चिराग पासवान सोमवार (6 मार्च 2023) को तमिलनाडु के राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह वहाँ रह रहे बिहारी मजदूरों तथा कामगारों से भी मुलाकात करेंगे। इसके बाद इन मुलाकातों को लेकर वह प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। इससे पहले चिराग पासवान ने तमिलनाडु में हो रही घटनाओं के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया था।

तमिलनाडु से लौटे मजदूरों ने सुनाई दास्ताँ

तमिलनाडु सरकार वहाँ हो रही किसी भी प्रकार की हिंसक घटनाओं से इनकार कर रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फोटोज और वीडियो को ‘फर्जी और भ्रामक’ बताया जा रहा है। हालाँकि, मीडिया रिपोर्ट्स में हिंदी भाषी मजदूरों को मिलने वाली धमकियों और हिंसा को लेकर सवाल उठाया है रहा है।

‘हिंदुस्तान’ ने अपनी रिपोर्ट में तमिलनाडु के एलेप्पी से झारखंड के दुमका लौटे राजू हेम्ब्रम के हवाले से कहा है कि वह तिरुपुर में स्थित एक फैक्ट्री में मजदूरी करता था। जहाँ बीते कुछ दिनों से उसे लगातार धमकियाँ मिल रहीं थीं। हालाँकि फैक्ट्री मालिक उसे घर जाने की छुट्टी नहीं दे रहा था। लेकिन डर की वजह से वह घर लौट आया। इसी तरह तमिलनाडु के परमपुर में मजदूरी कर रहे पीरपैंती प्रखंड के सलेमपुर निवासी एक व्यक्ति ने कहा है कि स्थानीय लोगों द्वारा बिहारियों को निशाना बनाया जा रहा है। तमिलनाडु के कई शहरों में मारपीट हो रही है।

वहीं, ‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट में बिहार के जमुई अंतर्गत सिकंदरा थाना क्षेत्र निवासी दो युवकों की मौत तथा दो के घायल होने की बात कही गई है। तमिलनाडु के त्रिपुर में 21 फरवरी को जमुई के धधौर निवासी पवन यादव पर नारियल काटने वाले धारदार हथियार हमला कर हत्या कर दी है। इस दौरान उसे बचाने गए उसके भाई नीरज के सिर पर भी धारदार हथियार से हमला हुआ था। मृतक पवन के एक अन्य रिश्तेदार के साथ मारपीट की खबर है।

जमुई के पोहे गाँव में रहने वाले संजू मांझी, धर्मेंद्र कुमार समेत अन्य लोग तमिलनाडु में रहकर काम करते थे। इन लोगों का कहना है कि वो लोग जैसे-तैसे भागकर घर वापस आए हैं। वहाँ की स्थिति ठीक नहीं है। मजदूरी को लेकर सवाल करने पर बिहारियों को मारा-काटा जा रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया