‘आज गरीबों का मसीहा चला गया, ऐसा लगा जैसे किसी का भाई-पिता-बेटा जा रहा है’: सपा नेता पहुँचे मुख्तार के जनाजा में, शिवपाल बोले- हमारे पारिवारिक रिश्ते

मुख्तार अंसारी एवं अखिलेश यादव (साभार: न्यूज नशा)

माफिया मुख्तार अंसारी के जनाजे को गाजीपुर स्थित मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में शनिवार (30 मार्च 2024) को दफना दिया गया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में उसके समर्थक जुटे थे। हालाँकि, कब्र में मिट्टी डालने की इजाजत सिर्फ परिजनों को ही थी। इसके बावजूद लोगों ने कब्रिस्तान में घुसने के लिए पुलिस की बैरिकेडिंग को तहस-नहस कर दिया। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता ने मुख्तार को गरीबों का मसीहा बताया है।

जनाजे में समाजवादी पार्टी के नेता अंबिका चौधरी भी शामिल हुए। चौधरी ने कहा, “हम यहाँ अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए आए हैं। आज गरीबों का एक मसीहा जा रहा है।” उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों की आँखों में आँसू और मातम है, उसे बयां करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि जो इस पर राजनीति कर रहे हैं, उससे ओछी कोई बात नहीं हो सकती।

सपा नेता अंबिका चौधरी ने कहा, “मुख्तार अंसारी तमाम मजलूमों और गरीबों का सहारा थे। हम उनके साथ शामिल होने आए हैं और उनकी मिट्टी में शामिल होंगे। आज की तारीख में जो लोग भी इसमें राजनीति की बात कर रहे हैं, इससे घटिया और ओछी कोई बात नहीं हो सकती है। आज गरीबों का एक मसीहा इस गली से जा रहा है।”

अंबिका चौधरी ने कहा, “जिस तरीके से मातम है, लोगों की आँखों में आँसू है, ये बयान करने की स्थिति नहीं है। ऐसा लग रहा है कि जैसे किसी का पिता, किसी का भाई, किसी का बेटे चला गया। मुख्तार अंसारी को लेकर जो चाहे जैसे समीक्षा कर सकते हैं, लेकिन आज लाखों लोगों की आँखों के आँसू और लोगों के चेहरे पर मायूसी ये बता रही है कि मुख़्तार अंसारी उनके लिए क्या थे।”

मुख्तार अंसारी की हार्ट से मौत को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार राजनीति कर रही है। पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने इसे लोकतंत्र का शून्यकाल बताया है। वहीं, सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि मुख्तार अंसारी के साथ उनके पारिवारिक रिश्ते थे। उनकी मौत संदेह के घेरे में है। कोर्ट को स्वतः मामले को सज्ञान में लेकर जाँच करनी चाहिए।

मुख्तार के क्रिया-कर्म में उसकी बीवी अफशां अंसारी के शामिल होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हाल में पेशी के दौरान मार दिए कुछ अपराधियों द्वारा मार दिए गए गैंगस्टर अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन की तरह आफशां भी फरार है। उस पर पुलिस ने 75,000 रुपए का इनाम भी घोषित किया है।

आफशां पर 13 मुकदमे दर्ज हैं। उस पर गैंगस्टर एक्ट का भी मामला चल रहा है। अफ़्शां पर गाजीपुर और मऊ से लेकर लखनऊ तक अवैध जमीन कब्जे के आरोप हैं। जबरन रजिस्ट्री का मामला भी चल रहा है। ये सब निकाह के बाद दर्ज हुए हैं। 2005 में मुख़्तार अंसारी के जेल जाने के बाद बीवी अफ़्शां ने गिरोह में अपना दखल बढ़ा दिया था।

वहीं, जेल में बंद मुख्तार अंसारी का सबसे बड़ा बेटा अब्बास अंसारी भी इस जनाजे में नहीं शामिल हो पाया। दरअसल, जनाजा में शामिल होने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक आवेदन दी गई थी। जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच में मुख्तार के परिवार की अर्जी मेंशन होनी थी, लेकिन जज छुट्टी पर थे।

इसके बाद इस याचिका को जस्टिस समित गोपाल की बेंच को हस्तांतरित कर दिया गया। जस्टिस समित गोपाल ने दूसरी बेंच से आए किसी भी मुकदमे को सुनने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसके परिजन सुप्रीम कोर्ट गए और मुख्तार के जनाजे में शामिल होने के लिए परोल की माँग की। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने परोल देने से इनकार कर दिया।

मुख्तार अंसारी के शव को दफनाने के लिए कालीबाग कब्रिस्तान में 7.6 फीट लंबी और लगभग 5 फीट गहरा कब्र खोदा गया है। यह कब्र उसके अब्बा सुभान उल्लाह अंसारी और अम्मी राबिया बेगम के कब्र के बगल में खोदा गया है। इस कब्र को तीन हिंदू मजदूरों– नगीना, संजय और गिरधारी ने खोदा है। अंसारी परिवार का कहना है कि उनके परिवार में किसी का इंतकाल होता है तो ये लोग कब्र खोदने आते हैं।

मुख्तार का शव पहुँचते ही उसके घर के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग जुटे थे। इस दौरान कुछ लोगों ने ‘मुख्तार अंसारी जिंदाबाद’ के नारे भी लगाए। भीड़ को देखते हुए प्रशासन चौकन्ना है। गाजीपुर और मऊ इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मुख्तार के घर के पास बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। प्रदेश में हाई अलर्ट है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया