खुले में नमाज: बोले हरियाणा के CM खट्टर- ताकत का प्रदर्शन कर दूसरों की भावनाओं को भड़काना ठीक नहीं

खुले में नमाज पर हरियाणा के सीएम खट्टर की दो टूक

हरियाणा के गुरुग्राम में खुले में नमाज (Namaz in open space) का मामला राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी उठा। इस मामले को उठाने वाले नूँह से कॉन्ग्रेस विधायक (Congress MLA) आफताब अहमद के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ताकत दिखाकर दूसरे समुदाय की भावनाओं को भड़काना उचित नहीं है।

रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार (21 दिसंबर 2021) को शून्यकाल के दौरान कॉन्ग्रेस विधायक अहमद ने गुरुग्राम में मुस्लिमों द्वारा खुले में नमाज करने पर हिंदू संगठनों के विरोध का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, “कुछ तत्व लगातार जुमे (शुक्रवार) की नमाज को बाधित कर रहे हैं। संविधान ने सभी को अपने धर्मों के पालन के इजाजत दी है। किसी को भी नमाज में बाधा डालने का अधिकार नहीं है। गुरुग्राम में हजारों करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। शहर विकास का प्रतीक है। अगर कोई अपनी मर्जी से प्रार्थना भी नहीं कर पाएगा तो क्या संदेश जाएगा।”

इसके जवाब में सीएम ने कहा, “सभी धर्मों के लोग मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्चों जैसी धार्मिक जगहों पर ही प्रार्थना करते हैं। इसके अलावा सभी बड़े त्योहारों के मौके पर खुले में प्रार्थना की अनुमति दी जाती है। लेकिन ताकत का प्रदर्शन करना जो दूसरे समुदाय की भावनाओं को भड़काता है, उचित नहीं है।” मुख्यमंत्री के मुताबिक, किसी को भी खुले इस तरह के आयोजन नहीं करने चाहिए। यह हम सब जिम्मेदारी है कि शांतिपूर्ण माहौल बना रहे।

खट्टर ने इस बात पर खुशी भी व्यक्त की कि लोग एक निश्चित स्थान पर जुमे की नमाज के लिए समहत हुए हैं और नए सिस्टम के लागू होने तक इस पर सहमति है। इसके साथ ही सीएम ने खुले में नमाज के मुद्दे को स्थानीय विवाद करार दिया और कहा कि इस मसले को हवा नहीं देनी चाहिए, अन्यथा इससे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।

इससे पहले 10 दिसंबर 2021 को सीएम ने सख्त हिदायत देते हुए कहा था कि खुले में नमाज की प्रथा को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि खुले में नमाज किसी भी हाल में नहीं होना चाहिए। खट्टर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, “हमने यहाँ पुलिस को भी कहा है और डिप्टी कमिश्नर को भी कहा है। इस विषय का समाधान निकालना है। कोई अपनी जगह पर नमाज़ पढ़े या पूजा-पाठ करे, इससे हमें कोई दिक्क्त नहीं है। धार्मिक स्थल इसीलिए बने होते हैं। खुले में ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं होना चाहिए। ये नमाज़ पढ़ने की जो प्रथा यहाँ खुले में शुरू की गई है, वो कतई सहन नहीं की जाएगी। सबके साथ बैठकर इसका समाधान निकाला जाएगा।” साथ ही सीएम ने खुले में नमाज के लिए जिन 37 स्थानों को निश्चित किया गया था, उसे भी रद्द कर दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया