हरियाणा कॉन्ग्रेस में टूट फिलहाल कुछ दिनों के लिए टल गई है। दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी अलाकमान को मोहलत देने के संकेत दिए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद से ही हुड्डा के अलग पार्टी बनाने के कयास लग रहे हैं। रोहतक में रविवार को उन्होंने एक बड़ी रैली की थी जिसमें कॉन्ग्रेस पर जमकर निशाना साधा था।
सोमवार (अगस्त 19, 2019) को दिल्ली में हुड्डा ने कहा, “एक-दो दिनों में एक समिति गठित की जाएगी। इसके बाद एक बैठक होगी जिसमे आगे की रणनीति तय होगी। मैं वहीं करूंगा जो यह समिति तय करेगी। यदि वे मुझे कहेंगे तो मैं राजनीति छोड़ दूॅंगा।”
इससे पहले रविवार को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कॉन्ग्रेस अब पहले जैसी नहीं रही। वह रास्ता भटक गई है। उन्होंने कहा कि वो ख़ुद को अतीत से मुक्त करने जा रहे हैं।
हुड्डा ने महापरिवर्तन रैली में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे पर कॉन्ग्रेस के रुख को गलत बताकर पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा था कि देशभक्ति और आत्मसम्मान के मुद्दे पर वह कोई समझौता नहीं कर सकते। आर्टिकल 370 के मसले पर हुड्डा ने सरकार का समर्थन करते हुए कहा था, “मैं एक देशभक्त परिवार से हूॅं। जो आर्टिकल 370 पर फैसले का विरोध कर रहे मैं उनसे कहना चाहता हूॅं-वसूलों पर जहॉं आँच आए वहॉं टकराना जरूरी है, जो जिंदा है तो जिंदा दिखना जरूरी है।”